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Saturn Transit in Pisces: शनिदेव 29 मार्च को मीन राशि में रात 9 बजकर 44 मिनट पर गोचर करने वाले हैं. शनि के गोचर से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी तो कुछ राशियों पर शनि की महादशा का प्रभ…और पढ़ें
इन राशियों पर शुरू होने वाली है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
हाइलाइट्स
- शनि का गोचर 29 मार्च 2025 को मीन राशि में होगा.
- सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगी.
- कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी.
शनिदेव 29 मार्च 2025 दिन शनिवार को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करने वाले हैं. शनि का यह गोचर रात के समय 9 बजकर 44 मिनट पर होगा. शनिदेव एक राशि में ढाई वर्ष का समय लगता है, इस तरह शनिदेव तो राशि चक्र पूरा करने में 30 वर्षों का समय लगता है. शनि जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं या फिर अपनी चाल बदलते हैं तो दो राशियों पर शनि की ढैय्या व एक राशि से साढ़ेसाती शुरू हो जाती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सभी ग्रहों में शनि ग्रह की चाल सबसे धीमी होती है, इस वजह से शनि को राशि परिवर्तन करने में ढाई वर्ष का समय लगता है. आइए जानते हैं शनि के मीन राशि पर प्रवेश करने से किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होने वाली है…
विक्रम संवत 2081 के अंतिम दिन शनि गोचर
न्याय के देवता और कर्म के कारक ग्रह शनिदेव विक्रम संवत 2081 के अंतिम दिन यानी 29 मार्च को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं. शनि के गोचर से दो राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी और एक राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. वहीं दो राशियों पर शनि की ढैय्या और एक राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा. दरअसल जिस राशि से चौथे व आठवें भाव में शनि विराजमान होते हैं, तो उन पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाता है, वहीं जिस राशि में मौजूद होते हैं तो उससे आगे और पीछे की राशि यानी प्रथम, बारहवें और दूसरे भाव में स्थित राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है.
शनि गोचर से इन राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या
इस समय कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव बना हुआ है लेकिन जब शनि मीन राशि में गोचर कर जाएंगे तो मीन राशि के चौथे और आठवें भाव में सिंह और धनु राशि विराजमान हैं, इस तरह शनि के गोचर से सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाएगा. शनि की ढैय्या के प्रभाव से सिंह और धनु राशि वालों को संभलकर कार्य करने की आवश्यकता है. इस दौरान भागदौड़, अनावश्यक खर्च, गुप्त चिंताएं, रोग-शोक, कलह-क्लेश, धन हानि, भाई-बंधु विरोध, कार्यों में विघ्न-बाधाओं और आर्थिक उलझन का सामना करना पड़ सकता है.
शनि गोचर से इन राशियों पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती
इस समय शनि की साढ़ेसाती मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर चल रही है, जैसे ही शनि 29 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे, तब मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाएगा. वहीं मकर की जगह मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो जाएगा. अर्थात शनि गोचर से कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो जाएगा. मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण, कुंभ राशि वालों पर अंतिम यानी तीसरा चरण और मेष राशि वालों पर प्रथम चरण शुरू हो जाएगा.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के उपाय
शनिदेव के मीन राशि में गोचर करने पर सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी और कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो जाएगा. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए वैदिक ज्योतिष में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. इन उपायों के करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-शांति आती है.
1- शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के दर्शन करें और छाया दान अवश्य करें.
2- हर शनिवार को शनि के बीज मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का कम से कम तीन माला जप करें.
3- हर शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें.
4- शनि से संबंधित चीजें जैसे काला छाता, काला जूता-चप्पल, लोहा, काले तिल आदि चीजों का दान करें.
5- गरीब व मजदूरों की सेवा करें और भोजन करवाएं और कुछ ना कुछ दान देते रहें.
6- हर रोज पीपल के वृक्ष की पूजा करें और काला कुत्ता, कौवा और गाय को हर रोज दाना दें.
March 19, 2025, 11:40 IST
मीन में शनि गोचर से इन राशियों पर शुरू होने वाली है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या