Mata Shailputri ki katha in Hindi: नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन माता शैलपुत्री की न केवल पूजा की जाती है बल्कि उनके लिए व्रत भी रखा जाता है। यदि आपने भी माता शैलपुत्री के लिए व्रत रखा है तो ऐसे में आप शाम को व्रत खोलने से पहले यहां दी गई माता शैलपुत्री की कथा को जरूर पढ़ें। ऐसे में इस कथा के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप मां शैलपुत्री की कौन सी कथा (Navratri 2024 in hindi) व्रत खोलते वक्त पढ़ सकते हैं। पढ़ते हैं आगे…
शैलपुत्री की कहानी क्या है?
शैलपुत्री कोई और नहीं बल्कि मां दुर्गा का ही प्रथम रूप है। ऐसे में कहते हैं जब उनका जन्म हिमालय में हुआ तो उनका नाम शैलपुत्री पड़ा। एक बार प्रजापति दक्ष यज्ञ कर रहे थे। तो उस दौरान उन्होंने सभी देवताओं को निमंत्रण दिया। लेकिन भगवान शिव को नहीं दिया। ऐसे में यज्ञ में जाने के लिए मां सती व्याकुल थीं। शंकर भगवान के लाख मना करने पर भी उन्होंने हठ पकड़ ली और महादेव को यज्ञ में जाने की अनुमति देनी पड़ी।
जब सती घर पर पहुंची तो मां ने उन्हें खूब प्यार दिया। लेकिन उनकी बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास भाव प्रकट हो रहे थे। वहीं दक्ष यानी उनके पिता ने भी उनको अपमानजनक बातें सुनाई, जिससे सती को बेहद दुख हुआ। ऐसे में वे अपने पति का अपमान नहीं सह सकीं और उन्होंने यज्ञ अग्नि से खुद को जलाकर भस्म कर लिया। ऐसे में भगवान शिव को बेहद ही दुख हुआ और उन्होंने उस यज्ञ का विध्वंस कर दिया। ऐसे में इन्हीं का अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म हुआ।
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