Somwar Vrat Udyapan Vidhi: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित किया गया है। इस दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा और व्रत किए जाने की परंपरा है। मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों के थोड़े प्रयासों से ही प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है।
कहते हैं कि अगर एक बार महादेव प्रसन्न हो गए तो वह अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसे में अगर आप भी सोमवार के दिन भगवान शिव को खुश करने के लिए उनका व्रत शुरू करना चाहते हैं तो आइए जानते हैं इसकी शुरुआत के लिए सही समय कौन सा रहेगा।
कब से शुरू करें सोमवार का व्रत? (Kab Shuru Karein Somwar Ka Vrat)
सोमवार का व्रत श्रावण मास के किसी भी सोमवार से शुरू किया जा सकता है। लेकिन अगर आप किसी कारणवश श्रावण मास में ये व्रत शुरू नहीं कर पाते हैं तो आप चैत्र वैशाख, कार्तिक और मार्गशीर्ष के महीने में भी सोमवार के व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि सावन सोमवार का व्रत हमेशा इन महीनों के शुक्लपक्ष के पहले सोमवार से शुरू करना काफी शुभ माना जाता है।
वहीं, इस बात का खास ध्यान रखें कि भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए आपको 16 सोमवार का व्रत अवश्य करना चाहिए। तभी आपका व्रत पूरा माना जाएगा। इसके बाद व्रत का उद्यापन करना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि सोमवार के व्रत का उद्यापन कब किया जा सकता है।
कब करें सोमवार के व्रत का उद्यापन? (Somwar Vrat Udyapan)
किसी भी महीने के सोमवार के दिन सोमवार व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। सोमवार के व्रत का उद्यापन करने के लिए सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ और मार्गशीर्ष महीने का सोमवार अति शुभ माना गया है। आइए जानते हैं कि सोमवार व्रत का उद्यापन करने की सही विधि क्या है।
सोमवार व्रत उद्यापन सामग्री (Somwar Vrat Udyapan Samagri)
शिवजी और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर, लकड़ी की चौकी, चंदन, अक्षत, बेलपत्र, पान, सुपारी, गंगाजल, घी, लाल कपड़ा, फूल, दीपक, फल, रोली, मौली, धूप, कपूर, बाती। पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, शहद, घी, मिश्री या गुड़।