अमरावती5 मिनट पहले
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आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम बनाने के लिए भेजे गए गाय के घी के सैंपल की लैब रिपोर्ट दिखाई। TDP प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने दावा किया कि इसमें गोमांस और सुअर की चर्बी के अलावा फिश ऑयल की पुष्टि की गई है।
वेंकट रमना रेड्डी ने गुरुवार, 19 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित लाइवस्टॉक लेबोरेटरी, एनडीडीबी CALF लिमिटेड को 9 जुलाई, 2024 को सैंपल भेजा गया था। लैब रिपोर्ट 16 जुलाई को मिली।
CALF (सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड बोर्ड) की लेबोरेटरी है। हालांकि, इसकी रिपोर्ट पर आंध्र सरकार या तिरुपति मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
CM नायडू ने पिछली सरकार पर पवित्रता खंडित करने का आरोप लगाया आंध्र के मुख्यमंत्री और TDP सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार, 18 सितंबर को जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली YSRCP सरकार पर तिरुपति प्रसाद में पशु चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जगन मोहन सरकार ने प्रसादम की पवित्रता खंडित कर दी है।
चंद्रबाबू ने कहा कि पिछले 5 साल में YSRCP के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। तिरुमाला के पवित्र लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। हालांकि, अब हम प्रसादम में शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
नायडू ने कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था। वहीं, कांग्रेस नेता और जगन मोहन की बहन शर्मिला ने CBI जांच कराने की मांग की है।
लागत कम करने के लिए चर्बी मिलाकर बनाते हैं घी आंध्र प्रदेश सरकार ने घी सप्लाई का काम 29 अगस्त को KMF को फिर से दे दिया है। KMF नंदिनी ब्रांड का देसी घी सप्लाई करता है। उधर, TTD ने घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है।
एनएबीएल अधिकारियों ने भास्कर को बताया कि शुद्ध घी में कभी भी चर्बी का इस्तेमाल नहीं होता। हालांकि, कई बार उत्पादन लागत कम करने के लिए इनका उपयोग हो रहा है।
पिछले साल जब KMF ने सप्लाई रोकी थी, तब उसने दावा किया था कि यदि कोई भी कंपनी इससे कम कीमत पर ट्रस्ट को बोली हासिल करती है तो वह निश्चित तौर पर लड्डू की गुणवत्ता से समझौता करेगी। इसका प्रभाव प्रसादम पर देखने को मिलेगा।