Wednesday, June 18, 2025
Wednesday, June 18, 2025
HomeबॉलीवुडThere is nothing new in the story, it is quite predictable; Junior...

There is nothing new in the story, it is quite predictable; Junior NTR and Saif Ali Khan’s acting is definitely strong | मूवी रिव्यू-देवरा पार्ट-1: कहानी में नयापन नहीं, काफी हद तक प्रिडिक्टिबल; जूनियर NTR और सैफ अली खान की एक्टिंग जरूर दमदार


कुछ ही क्षण पहलेलेखक: आशीष तिवारी

  • कॉपी लिंक

जूनियर एनटीआर, जाह्नवी कपूर और सैफ अली खान की फिल्म ‘देवरा पार्ट वन’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 58 मिनट है। इस फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 2.5 स्टार की रेटिंग दी है।

फिल्म की कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी देवरा (जूनियर एनटीआर) और उसके परिवार की है, जो एक सामुद्रिक कबीले का नेतृत्व करता है और समुद्री तस्करी और अपराध के खिलाफ लड़ाई करता है। उसके सामने भैरा (सैफ अली खान) आता है, जो इस संघर्ष को और बढ़ाता है। देवरा और उसके बेटे की कहानी दो पीढ़ियों की लड़ाई पर आधारित है, जो सत्ता और आदर्शों के संघर्ष से प्रेरित है। फिल्म में बाहुबली जैसी महाकाव्यात्मक कहानी और संघर्ष का प्रयास किया गया है, लेकिन उसमें वो गहराई और ताजगी की कमी रह जाती है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

इस फिल्म में जूनियर एनटीआर ने दोहरी भूमिका निभाई है। देवरा और वरा दोनों किरदारों को उन्होंने प्रभावशाली तरीके से निभाया है। एक तरफ देवरा के रूप में वह विनम्र और शक्तिशाली हैं, तो वहीं वरा के रूप में मासूमियत और डरपोकपन दिखाते हैं। सैफ अली खान का भैरा के रूप में प्रदर्शन दमदार है, खासकर जब वह देवरा से बदला लेने की कोशिश कर रहा होता है। जाह्नवी कपूर का रोल छोटा है, लेकिन उनके और युवा एनटीआर के साथ के दृश्य काफी मनोरंजक हैं। सपोर्टिंग भूमिका में श्रीकांत और प्रकाश राज ने भी अपनी भूमिकाओं में अच्छी छाप छोड़ी है।

फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?

डायरेक्टर कोरताला शिवा ने फिल्म में शानदार विजुअल्स और एक्शन सीक्वेंस पेश किए हैं। फिल्म के एक्शन सीक्वेंस और वीएफएक्स इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। सिनेमैटोग्राफी भी लाजवाब है, विशेष रूप से समुद्री दृश्यों में। दूसरी तरफ, कहानी थोड़ी कमजोर है और कुछ दृश्य जैसे भैरा के साथ देवरा की आखिरी मुठभेड़ जल्दबाजी में समाप्त होते हैं। जाह्नवी के किरदार को अधिक विस्तार दिया जा सकता था। सैफ अली खान का किरदार भी दूसरे हाफ में कमजोर पड़ता है। साउथ की डब फिल्मों में समस्या यही होती है कि हिंदी पट्टी की दर्शकों के मुताबिक डबिंग अच्छी नहीं हो पाती है। इसलिए हिंदी पट्टी के दर्शक फिल्म से कनेक्ट नहीं कर आते हैं।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?

अनिरुद्ध रविचंदर का बैकग्राउंड स्कोर शानदार है और एक्शन दृश्यों को बेहतर बनाता है। गाने फिल्म में ठीक-ठाक हैं लेकिन उनमें कोई खास यादगार मेलोडी नहीं है।

फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?

अगर आप जूनियर एनटीआर के फैन हैं और बड़े पैमाने पर बने एक्शन दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं, तो देवरा: पार्ट 1 देखने लायक है। हालांकि, कहानी में कुछ खास नया नहीं है और यह काफी हद तक पूर्वानुमानित है।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular