सिविल सेवा परीक्षा (UPCSE) 2024 के मेरिट लिस्ट में सरगुजा के दो उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इनमें सरगुजा के बतौली निवासी केशव गर्ग और अंबिकापुर निवासी शची जायसवाल शामिल हैं। केशव गर्ग को दूसरे प्रयास में 496वां रैंक मिला है। शची जायसवाल को भी दूसरे प्
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संघ लोक सेवा आयोग ने कुल 1009 उम्मीदवारों का आईएफएस, आईएएस, आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं के पदों के लिए चयन किया है। बतौली निवासी केशव गर्ग पहले प्रयास में मात्र 1 अंक से चूक गए थे।
केशव के परिवार ने मनाई खुशी
कंप्यूटर इंजीनियर हैं केशव
केशव गर्ग ने कंप्यूटर से बीई हैं। केशव की प्राथमिक शिक्षा बतौली में हुई। उसके बाद 10वीं तक की पढ़ाई अंबिकापुर डीपीएस से पूरी की। केशव ने 12वीं तक की शिक्षा डीपीएस भिलाई से पूरी की, फिर LMCD इंजीनियरिंग कॉलेज, भोपाल से कंप्यूटर साइंस में बीई की डिग्री ली।
बीई के साथ ही केशव ने पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। केशव ने कहा कि, बचपन से पिता को संघर्ष करते देखा तो उनसे संघर्ष की प्रेरणा मिली। परिवार को भरपूर सपोर्ट मिला, जिसने हौसला दिया।

माता-पिता के साथ शची जायसवाल।
दूसरे प्रयास में सच्ची को मिली सफलता
शची जायसवाल को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। शची जायसवाल ने दौलत राम कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और जेएनयू दिल्ली से पॉलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वे जेएनयू से पीएचडी कर रही हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ ही शची ने पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।
शची कि पिता मोहन जायसवाल कारोबारी हैं। वहीं माता अमिता जायसवाल हाउस वाइफ हैं। शची की प्राथमिक शिक्षा अंबिकापुर के केंद्रीय स्कूल और 9वीं से 12वीं की पढ़ाई होली क्रॉस कान्वेंट से पूरी की है। शची ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।
पिता का सपना पूरा हुआ- केशव
केशव गर्ग ने कहा कि, उनके पिता विनोद गर्ग का सपना था कि वे कलेक्टर बनें। यहीं से उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देने का लक्ष्य तय किया। विनोद गर्ग की करीब 3 साल पहले हार्ट अटैक से निधन को गया था। घर में उनकी मां हैं और बड़े भाई चंद्रकांत गर्ग हैं। चंद्रकांत गर्ग पेशे से व्यवसायी हैं।