मिलेगा गणपति बप्पा का आशीर्वाद | Image:
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Vinayak Chaturthi 2025: चैत्र शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी आज है, जो भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करने का शुभ दिन माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार विनायक चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें गणपति पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। भक्त व्रत रखकर और विशेष मंत्रों का जाप कर सुख और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। साथ ही इससे करियर और कारोबार को नया आयाम भी मिलेगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 अप्रैल मंगलवार को सुबह 5:42 बजे शुरू हुई और 2 अप्रैल (बुधवार) की रात 2:32 बजे समाप्त होगी। इसी के चलते आज विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 से 5:25 तक था। विजय मुहूर्त दोपहर 2:10 से 3:20 तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी पर बन रहे शुभ योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष विनायक चतुर्थी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इसे और अधिक फलदायी बनाएंगे। इन विशेष योगों में गणपति की विधिवत पूजा और मंत्र जाप करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन विशेष रूप से गणपति मंदिरों में भव्य अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया जाता है।
इन मंत्रों का करें जाप
सनातन धर्म के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की आराधना करने से बुध ग्रह मजबूत होता है, जिससे व्यापार, करियर और जीवन के अन्य क्षेत्रों में उन्नति होती है। यदि आप भी विघ्नहर्ता को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस दिन सच्चे मन से पूजा करें और इन मंत्रों का जाप करें।

विनायक चतुर्थी पर जाप करने योग्य मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो दंति प्रचोदयात्॥
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वांछितार्थं कुरु कुरु स्वाहा।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धिताय।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र
यदि आप ऋण और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन यह विशेष स्तोत्र पढ़ें:
“ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्॥”
गणेश जी की आरती
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
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रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों और स्तोत्र का जाप कर भगवान गणेश की आराधना करें और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करें।
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