कुलगाम18 मिनट पहले
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जम्मू-कश्मीर में दो दिन में पहलगाम, कुलगाम और बारामूला में आतंकी घटनाएं हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई है। बुधवार शाम को तंगमर्ग इलाके में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के घेरा है। दोनों ओर से फायरिंग हो रही है। अतिरिक्त सुरक्षाबल मौके पर भेजा गया है।
आज सुबह ही बारामूला के उरी सेक्टर में LoC के पास आतंकी घुसपैठ की कोशिश की गई थी। सेना ने 2 आतंकवादियों को मार गिराया। यहां भी सर्चिंग जारी है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 2-3 आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश करते देखा था।
आतंकियों के पास से बरामद सामान में 2 असॉल्ट राइफले, गोला-बारूद और युद्ध से जुड़ा सामान, कारतूस, पाकिस्तानी करेंसी, चॉकलेट और सिगरेट के पैकेट मिले हैं। इससे एक दिन पहले पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 27 लोगों की मौत हुई है। इनमें दो टूरिस्ट और लोकल शामिल है। यहां भी बड़े स्तर पर आतंकियों की सर्चिंग जारी है।
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उरी में ढेर आतंकियों की तस्वीरें…

सेना ने कहा है कि आतंकियों की पहचान की जा रही है।

सेना के मुताबिक आतंकियों ने उरी सेक्टर में LoC पर घुसपैठ की कोशिश की थी।

मारे गए आतंकियों के पास से बरामद सामान।
12 अप्रैल को अखनूर में सेना का JCO शहीद हुए थे
अखनूर में 12 अप्रैल को आतंकवादियों से मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के JCO कुलदीप चंद शहीद हो गए थे। अखनूर के केरी बट्टल इलाके में एक रात पहले एनकाउंटर शुरू हुआ था।
इसके अलावा 11 अप्रैल को ही किश्तवाड़ के जंगलों में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। इनमें टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल था।
इससे पहले 4 और 5 अप्रैल की दरमियानी रात जम्मू में LoC पर आरएस पुरा सेक्टर पर BSF के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था।
वहीं, 1 अप्रैल को LoC पर सेना के एनकाउंटर में 4-5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारा गया था। घटना पुंछ में LoC पर कृष्णा घाटी सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में हुई थी।

कठुआ में एक महीने में 4 एनकाउंटर
एक महीने के समय में कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों तीन मुठभेड़ हुईं। पहली मुठभेड़ 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में हुई थी। सुरक्षाबलों को जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे थे।
28 मार्च दूसरी बार मुठभेड़ हुई। जिसमें 2 आतंकी मारे गए थे। इस दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे। इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे। उनका इलाज जारी है।
31 मार्च की रात कठुआ में पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ हुई। तीन आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना मिली। एक आतंकी के मारे जाने की भी बात सामने आई, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
सेना के राइजिंग स्टार कॉर्प्स के मुताबिक 31 मार्च की रात इलाके में संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी, जिसके बाद सेना ने राजबाग के रुई, जुथाना, घाटी और सान्याल के जंगली इलाकों के साथ-साथ बिलावर के कुछ हिस्सों में सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया था।
पंजतीर्थी में आतंकियों की तरफ से फायरिंग के बाद एनकाउंटर शुरू हुआ था। सुरक्षाबलों ने रातभर इलाके की घेराबंदी की, ताकि जंगल में छिपे 3 आतंकी भाग न सकें। कश्मीर पुलिस, NSG, CRPF और BSF स्निफर डॉग्स और ड्रोन की मदद से आतंकियों की तलाश कर रही है।
28 मार्च: एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी, 4 जवान भी शहीद

23 मार्च: आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले
23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए।
हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे।
इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे।
जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।