बाढ़ के अंबेडकर नगर पासवान टोला में 85 घर सरकारी जमीन पर है। जिसे सरकार खाली कराने की तैयारी में है। फिलहाल 11 लोगों को घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। अन्य लोगों को भी जल्द ही नोटिस दिया जाएगा।
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कब्रिस्तान भी सरकारी जमीन पर है
ग्रामीणों का कहना है कि जब से जमीन की मापी हुई है हमलोग दहशत में हैं। मामला लोअर कोर्ट में है। कब्रिस्तान और घर दोनों सरकारी जमीन पर है। इसके बाद भी सिर्फ हमलोगों को नोटिस दिया जा रहा है। कब्रिस्तान की जमीन खाली कराने की किसी में हिम्मत नहीं है।
हमलोगों के पास जमीन के अलावा कुछ नहीं है
जिंदगी भर की कमाई घर बनाने में खर्च कर दी है। इस जमीन पर करीब 80 साल से रह रहे हैं। राशन कार्ड, बिजली और पानी का कनेक्शन भी हमारे नाम पर है। इंदिरा आवास योजना के तहत कई घर बना हुआ है। इस जमीन के अलावा कुछ भी नहीं है। कोई सुनने वाला नहीं है।
गांव में सरकारी स्कूल भी बना हुआ है।
सरकार गरीबों के घर को उजाड़ रही है- ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि जमीन का मामला लोअर कोर्ट में लंबित है। 1987 में कब्रिस्तान में बाउंड्रीवॉल किया जा रहा था। आम जनता के लिए रास्ते को ही बंद कर दिया गया था। लंबी लड़ाई के बाद रास्ता दिया गया था, लेकिन जमीन को लेकर विवाद अब भी चल रहा है।
जब तक इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक सरकार हमें हटाने का आदेश नहीं दे सकती है। हटाने से पहले सरकार को हमारे के लिए व्यवस्था करना चाहिए। बाढ़ शहर में कई सरकारी जमीन खाली पड़े हैं। इसके बाद भी जानबूझकर गरीबों के घर को उजाड़ा जा रहा है। सरकार पूरा जमीन लेना चाहती है। अधिकारियों ने धमकी दिया है, अगर खुद नहीं हटे तो हमलोग हटा देंगे।
वन स्टॉप सेंटर के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है
वहीं, बाढ़ अंचलाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि अतिक्रमण किए गए जमीन पर वन स्टॉप सेंटर का निर्माण होना है। जिसके लिए 90 फीट लंबाई और 40 फीट चौड़ाई भूमि अधिग्रहण करना है। जमीन चिन्हित कर ली गई है।