ईरान पर बीते 40 घंटे से लगाार इजराइली हमले हो रहे हैं। इसमें काेम शहर में भी बमबारी हो रह है। यहां झांसी का एक युवक रह रहा है। वो धार्मिक शिक्षा लेने के लिए 9 साल पहले कोम गया था। अब धमाकों की खबरें सुनकर झांसी में उसकी मां का कलेजा कांप रहा है। मां
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मां का शुगर लेबल बढ़ गया था
पुलिस लाइन के पीछे घरैया लाइन निवासी लकी असकरी करीब 9 साल से धार्मिक शिक्षा लेने ईरान के कोम शहर गए थे। अब ईरान और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ गया है। हमले की खबर लगते ही उनकी बुजुर्ग मां नसीमा बेगम का कलेजा कांप रहा है। हमले की लगातार आ रही खबरों ने उनको बेचैन कर दिया है।
इस वजह से उनका शुगर लेवल बढ़कर खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा। परिवार के अन्य सदस्य भी वहां के लगातार बिगड़ रहे हालात से परेशान हैं। उनका कहना है कि कोम ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 180 किलोमीटर दूर है। शिया मुस्लिम इसे पवित्र शहर मानते हैं। धार्मिक शिक्षा लेने यहां दुनिया भर से युवा पहुंचते हैं।
6 साल पहले झांसी आया था लकी
लकी असकरी करीब 9 साल पहले आलिम की तालीम लेने वहां गया था। कुछ साल में उसकी पढ़ाई खत्म होने को है लेकिन, उसके पहले ही जंग छिड़ गई। लकी की पत्नी एवं तीनों बच्चे डेढ़ माह पहले कौशाम्बी स्थित मायके चली आईं। लकी आखिरी बार 2019 में झांसी आया था।
मां नसीमा का कहना है कि युद्ध की बात सुनते ही घबराहट शुरू हो गई। शनिवार को उन्होंने फोन पर बेटे से बात की। लकी ने बताया कि अभी वे लोग जहां हैं, वह स्थान सुरक्षित है। वहां कई अन्य भारतीय भी साथ में हैं। लकी ने मां से न घबराने की बात कहते हुए जल्द लौटने की बात कही। उसके चचेरे भाई नासिर का कहना है कि परिवार के लोग बेहद परेशान हैं। ईरान में इंटरनेट सेवा बंद हो जाने से संपर्क होने में दिक्कत होती है।