रीवा में शहडोल और रीवा संभाग के अफसरों की समीक्षा बैठक लेते कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल। साथ हैं एसीएस अनुपम राजन, संभागायुक्त बीएस जामोद।
कृषि उत्पादन आयुक्त (एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर) अशोक बर्णवाल ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले में कृषि और उद्यानिकी की विशिष्ट फसलों के लिए एक हजार हेक्टेयर का क्लस्टर बनाएं। किसी फसल का जब बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा तो उसे खरीदने और प्रोसेस करने वा
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कृषि उत्पादन आयुक्त बर्णवाल ने ये बातें रीवा और शहडोल संभाग के कृषि और राजस्व अफसरों की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि गेहूं और धान की फसल की तुलना में दलहन और तिलहन में लाभ अधिक है। इसलिए रीवा और शहडोल दोनों संभागों में अरहर के क्षेत्र विस्तार के लिए विशेष प्रयास करें। इसमें लागत कम और लाभ अधिक है।
बर्णवाल ने कहा कि खेती के साथ-साथ उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन जैसे व्यवसाय अपनाकर ही खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। हर विकास खण्ड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला शुरू कराएं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि दोनों संभागों में किसानों ने डीएपी के स्थान पर एसएसपी और एनपीके खाद को तेजी से अपनाया है। जिसके कारण डीएपी का संकट होने की आशंका नहीं है। खाद का वितरण पीओएस मशीन माध्यम से ही कराएं।
यह निर्देश भी दिए अफसरों को
- कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि सभी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री कराएं।
- इसमें किसान सम्मान निधि के साथ-साथ एग्रीस्टेक में भी ई केवाईसी कराएं, जिससे किसान के साथ-साथ उसकी जमीन और फसल का डेटा अपडेट हो जाए।
- गिरदावरी में उद्यानिकी फसलों का भी क्षेत्र अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं।
- जिन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फल, सब्जी और मसालों की खेती हो रही है वहां खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित कराएं।
- मछली पालन बहुत अधिक लाभकारी है। केवल बाणसागर बांध में ही केज कल्चर के उपयोग से हजारों टन मछली का उत्पादन किया जा सकता है।
नरवाई जलाने पर चिंता जताई
नरवाई जलाने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए एपीसी बर्णवाल ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में बायो एनर्जी प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन्हें चलाने के लिए फसल अवशेषों की आवश्यकता होगी। कंपनियां किसानों से निर्धारित राशि देकर पराली तथा अन्य फसल अवशेष खरीदेंगी।
बेलर मशीन, सुपर सीडर और हैप्पी सीडर के उपयोग से भी नरवाई प्रबंधन करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी अनुपम राजन, प्रमुख सचिव मछली पालन निधि निवेदिता, कमिश्नर रीवा बीएस जामोद, प्रबंध संचालक मार्फेड आलोक सिंह, आयुक्त उद्यानिकी प्रीति मैथिल, आयुक्त शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता, आयुक्त सहकारिता मनोज पुष्प, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड कुमार पुरुषोत्तम, जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभागों के संभागीय एवं जिलाधिकारी उपस्थित रहे।