एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की कार्यकारी समिति की आगामी बैठक 17 मार्च को चंडीगढ़ में आयोजित की जाएगी। अनुमान है कि इस बैठक में एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर निर्णय लिया जा सकता है। एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत
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खास बात है कि इस बार बैठक को अमृतसर की जगह चंडीगढ़ में रखा गया है। चार बार एसजीपीसी के अध्यक्ष रह चुके हरजिंदर सिंह धामी ने लगभग एक महीने पहले नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की पेशकश की थी। यह कदम तब आया जब अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सोशल मीडिया पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने के तरीके की आलोचना की थी।
उनके इस्तीफे के बाद प्रधान धामी को मनाने की कई कोशिशें भी हुईं, लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने प्रधान पद से इस इस्तीफे के अलावा उस 7 सदस्य कमेटी से भी इस्तीफा दिया है, जो श्री अकाल तख्त द्वारा 2 दिसंबर को अकाली दल के पुनर्गठन के लिए बनाई गई थी।
एसजीपीसी प्रधान के इस्तीफे के बाद पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह मनाने भी पहुंचे थे।
पिछली बैठक और संभावित निर्णय
7 मार्च को हुई पिछली कार्यकारी बैठक में धामी के इस्तीफे पर निर्णय टाल दिया गया था, जबकि ज्ञानी रघबीर सिंह और ज्ञानी सुल्तान सिंह को तख्त श्री अकाल तख्त साहिब और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार पद से हटा दिया गया था। ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के रूप में नियुक्त करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
एसजीपीसी के निर्णय का विरोध करने वाले तीन सदस्यों ने साफ किया था कि एजेंडे में जत्थेदारों को बर्खास्त करने व नई नियुक्तियों के कोई जिक्र नहीं था।

जानें एसजीपीसी के बारे में
एसजीपीसी भारत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार संगठन है। यह धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, वित्तीय प्रबंधन, सुविधा रखरखाव और धार्मिक पहलुओं का प्रबंधन करता है, साथ ही ऐतिहासिक और पवित्र वस्तुओं का संरक्षण भी करता है।
हरजिंदर सिंह धामी ने 29 नवंबर 2021 को एसजीपीसी के 31वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। वे 1996 से होशियारपुर के शाम चुरासी निर्वाचन क्षेत्र से एसजीपीसी के सदस्य हैं।