एसएसपीजी कबीरचौरा अस्पताल में 15 में एडमिट हुए 941 पेशेंट।
भीषण गर्मी के बीच मानसून की दस्तक से मौसम में राहत है। देर रात हुई बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं 25 मई को शुरू हुए नौतपा के बाद से तापमान में आयी बढ़ोत्तरी के बीच 1 जून से लेकर 15 जून तक अस्पतालों में डायरिया, सर्दी, खांसी, जुकाम और फीवर
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वहीं 15 दिनों में 16 लोग ब्रॉड डेड लाए गए जिनमें ज्यादातर अचेत अवस्था में मिले थे। उन्हें यहां मृत घोषित किया गया।
कबीरचौरा अस्पताल में इन 15 दिनों में कितने मरीज आये और कितनों को एडमिट किया गया। साथ ही मॉर्च्युरी में लाश रखने के क्या इंतजाम हैं। इन सब पर दैनिक भास्कर ने अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ मृदुला मल्लिक से बात की। पढ़िए रिपोर्ट…
15 दिनों में एडमिट हुए 941 पेशेंट डॉ मृदुला मलिक ने बताया- कबीरचौरा अस्पताल में रोजाना ओपीडी में 1200 से 1400 मरीज आ रहे हैं। इमरजेंसी में भी रोजाना 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं। जिसमें 50 से 55 मरीज एडमिट किए जा रहे हैं। ऐसे में 15 दिनों में 941 मरीज इमरजेंसी के थ्रू एडमिट किए गए हैं। वहीं ओपीडी से भी 1000 के करीब मरीज एडमिट हुए हैं। इनमें आधे से ज्यादा सही होकर घर को लौट चुके हैं। अस्पताल 326 बेड का है।
16 मिले ब्रॉड डेड डॉ मृदुला मलिक ने बताया- 1 जून से 15 जून तक इमरजेंसी में 16 लोगों को ब्रॉड डेड लेकर आया गया। इनमें से कुछ लावारिस हैं। जिन्हें मॉर्च्युरी में रखा गया और उसके बाद पुलिस ने नियमानुसार उनका दाह संस्कार कराया। उन्होंने कहा पिछले साल की बनिस्बत इस वर्ष गर्मी में मौतों का आंकड़ा कम है।
डिहाइड्रेशन, सर्दी, खांसी, जुकाम और फीवर के मरीज अधिक डॉ मृदुला ने बताया- इस मौसम में मरीज डिहाइड्रेशन, सर्दी, खांसी और जुकाम के साथ ही साथ फीवर के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इनका त्वरित इलाज किया जा रहा है। साथ ही हीट वेव को लेकर अलग से वार्ड बनाया गया है। सभी डॉक्टर मुस्तैद हैं। छुट्टी के दिनों में डॉक्टर्स ऑन काल मौजूद हैं। सभी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं।
बरतें सावधानी डॉ ने कहा- वायरल और हीट वेव से बचने के लिए लोगों को खुद भी सावधानी बरतनी चाहिए। जितना अहो सके उतना लिक्विड डाइट लें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। इसके अलावा घर से तभी बाहर निकलें जब कोई आवश्यकता हो। उन्होंने कहा मौसम चेंज हो रहा है। जल्द ही बारिश भी होगी ऐसे में और साधने बरतने की जरूरत है।