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Kalawa Kholne Ke Niyam: जिस प्रकार से कलावा बांधने के निमय होते हैं, उसी प्रकार से कलावा उतारने का भी नियम है. कलावा या रक्षा सूत्र को उतारने का एक निश्चित दिन है. कलावा कब उतारना चाहिए, इसके बारे में भी बताया…और पढ़ें
कलावा उतारने के नियम.
हाइलाइट्स
- मंत्र से अभिमंत्रित किया गया कलावा व्यक्ति की रक्षा करता है.
- कलावा या रक्षा सूत्र को उतारने का एक निश्चित दिन है.
- कलावा सप्ताह में केवल दो दिन ही उतारा जा सकता है.
पूजा पाठ या अन्य मांगलिक कार्यों में पंडित जी अपने यजमान के हाथों में कलावा बांधते हैं. कलावा बांधते समय मंत्र पढ़ते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंत्र से अभिमंत्रित किया गया कलावा व्यक्ति की रक्षा करता है, उस पर नकारात्मक शक्तियों का असर नहीं होता है. इस वजह से उसे रक्षा सूत्र कहते हैं. जिस प्रकार से कलावा बांधने के निमय होते हैं, उसी प्रकार से कलावा उतारने का भी नियम है. कलावा या रक्षा सूत्र को उतारने का एक निश्चित दिन है. कलावा कब उतारना चाहिए, इसके बारे में भी बताया गया है. अधिकतर लोग कलावा उतारने में गलती करते हैं. आइए जानते हैं कलावा उतारने के नियमों के बारे में.
कलावा उतारने के नियम
कलावा कब उतारना चाहिए?
डॉ. योगभूषण जी महाराज का कहना है कि जो लोग अपने हाथों में कलावा या रक्षासूत्र पहनते हैं, उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब उनका कलावा गंदा होने लगे, उसका वास्तविक रंग खत्म हो जाए या वो तेजहीन हो जाए तो उसे उतार देना चाहिए. कलावे का रंग जैसे-जैसे फीका पड़ता है, वैसे-वैसे आपके जीवन की नकारात्मकता दूर होती जाती है.
कलावा आपका रक्षा कवच होता है, जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. जब आपके घर में कोई सूतक या पातक लग जाए तो कलावा उतार देना चाहिए. उसे खोल देना चाहिए क्योंकि सूतक और पातक में कलावा महत्वहीन हो जाता है. सूतक और पातक का मतलब यह है कि आपके घर में किसी बच्चे का जन्म हो जाए या किसी की मृत्यु हो जाए. इन स्थितियों में सूतक पातक लगता है. इसमें कलावा अशुद्ध और अपवित्र हो जाता है.
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कलावा किस दिन उतारना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हाथ में बांधा गया कलावा सप्ताह में केवल दो दिन ही उतारा जा सकता है. कलावा मंगलवार या फिर शनिवार के दिन उतारना चाहिए. बाकी के दिनों में कलावा उतारने की मनाही है.
कलावा खोलने की सही विधि
1. सूतक-पातक लगने या फिर तेजहीन होने की स्थिति में कलावा को खोल देना चाहिए. शनिवार या मंगलवार के दिन कलावा को खोलें.
2. फिर उस कलावे को पेड़ के नीचे या फिर उसके कोटर में रख दें.
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3. आप चाहें तो उस कलावे को किसी बहते हुए जल में यानि नदी में प्रवाहित कर सकते हैं.
नया कलावा कब पहनें?
नियमों के अनुसार, जब आप कलावा खोलें तो उसी दिन अपने गुरु या घर के किसी बड़े व्यक्ति से नया कलावा हाथ में बंधवा लें. यह आपका रक्षा कवच है, जो आपको सभी प्रकार की नकारात्मकता से बचाता है. आपको बुरी नजर से बचाता है. यह कलावा लाल, पीला, काला आदि रंगों का हो सकता है.
March 19, 2025, 11:21 IST
कलावा किस दिन उतारना चाहिए? आप तो नहीं कर रहे गलती, रक्षा सूत्र खोलने का नियम