पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से चावल के भंडारण की उपलब्धता और हाइब्रिड धान की किस्मों के परीक्षण प्रोटोकॉल पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने गुरुवार को भारत
.
अदालत ने चावल के भंडारण स्थान की उपलब्धता और हाइब्रिड धान की किस्मों के उत्पादन अनुपात के परीक्षण प्रोटोकॉल पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। यह निर्देश सनप्रीत सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
8 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल अन्य राज्यों को भेजा
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर महीने में पंजाब से 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल अन्य राज्यों में भेजा गया है और महीने के अंत तक 5 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भेजा जाने की योजना है। अदालत को यह भी बताया गया कि दिसंबर तक चावल के लिए लगभग 40 लाख मीट्रिक टन भंडारण स्थान उपलब्ध हो जाएगा।
अदालत को बताया गया कि पंजाब सरकार अपने चावल का अधिकांश हिस्सा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत उपभोक्ता राज्यों को भेज रही है। इसके अतिरिक्त, आने वाले महीनों में पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन से यह भी कहा गया है कि वे अपने गोदामों में आवश्यक मरम्मत कार्य करवाएं, जिससे भंडारण व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।