वन विहार राष्ट्रीय उद्यान से बाहर 100 मीटर के दायरे को ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया है। अब इस क्षेत्र में किसी भी नए निर्माण या आयोजन से पहले वन विहार, क्षेत्रीय प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियों की अनुमति अनिवार्य होगी।
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इस जोन की सटीक सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की 7 सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो सोमवार से फील्ड में सीमांकन और मार्किंग का कार्य शुरू करेगी। मौके पर साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे और ईको सेंसिटिव जोन की सीमाएं नक्शे पर उकेरी जाएंगी, ताकि भविष्य में इसकी पहचान स्पष्ट रहे।
होटल, सरकारी संस्थान और निजी भूमि से सटी हैं सीमाएं
वन विहार की सीमा राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, एडीजी टेलीकॉम कार्यालय, शासकीय प्राथमिक स्कूल और कुछ होटलों के अलावा निजी भूमि से लगी हुई है। सीमांकन की प्रक्रिया के दौरान संबंधित संपत्ति मालिकों को उपस्थित रहने के लिए पत्र भेजे गए हैं। वन विहार की सीमाएं ग्राम प्रेमपुरा, धरमपुरी और आमखेड़ा से भी लगी हैं, इसलिए इन गांवों के निवासियों को भी 17 मार्च को सुबह 11 बजे सीमांकन के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
केंद्र सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
ईको सेंसिटिव जोन की जानकारी आमजन को देने के लिए यह सीमांकन किया जा रहा है। सितंबर 2024 में वन विभाग ने इस संबंध में पत्राचार किया था, लेकिन कार्रवाई धीमी गति से चल रही थी। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने 30 जनवरी 2025 को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र लिखकर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमांकन पूरा कर केडेस्ट्रल मैप समेत केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाए।
वन्यजीवों को परेशानी
वर्तमान में वन विहार से सटे होटल, सरकारी संस्थान और रहवासी इलाकों में अक्सर आयोजन होते हैं, जिनमें लाउडस्पीकर और हाई-वॉल्यूम साउंड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, अनधिकृत निर्माण भी किए जाते हैं, जिससे वन्य जीव असहज महसूस करते हैं।
वन विहार से बाहर 100 मीटर दायरा ईको सेंसिटिव जोन है। इसकी नपती कराकर मार्किंग और केडेस्ट्रल मैप पर सुपर इंपोज किया जाना है। इसके लिए टीम सोमवार से कार्रवाई शुरू करेगी। अर्चना शर्मा, एसडीएम, टीटी नगर