मजदूरी में कटौती, बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम में काम करने वाले सभी लोडर मजदूर तीन दिनों की हड़ताल पर हैं। इससे कामकाज ठप हो गया है। सात दिसम्बर तक मांग पूरी नहीं होने पर यह लोग अनिश्चि
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काम बंद कर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों का कहना है कि हम लोगों को प्रति बैग 11 रुपया 64 पैसा मजदूरी मिलती थी। इसे घटाकर चार रुपया 55 पैसा कर दिया गया है। यह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।
फरवरी में बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि मैन पावर से संबंधित निवारा, जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी से कम दर पर पावर उपलब्ध कराने का कोटेशन अमान्य होगा।
बखरी गोदाम के बाहर धरना पर बैठे मजदूर।
ऐसी स्थिति में राज्य खाद्य निगम द्वारा न्यूनतम मजदूरी दर से कम दर पर टेंडर कैसे जारी किया गया है, यह एक गंभीर मामला है। हम लोगों का शोषण करने की साजिश रची गई है। आखिर इतनी कम मजदूरी पर हमारा परिवार कैसे चलेगा। हम सभी लोडिंग अनलोडिंग मजदूर को न्यूनतम मजदूरी 11.64 रुपए का भुगतान किया जाए।
श्रम कानून के तहत दिए जाने वाली अन्य सुविधाओं को लागू कर समुचित कार्रवाई की जाए। न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान से संबंधित टेंडर को अमान्य किया जाए। परिवहन अभिकर्ता द्वारा हम मजदूर से पीएफ एवं ईएसआई अनुदान के रूप में जबरदस्ती 29 प्रतिशत की हो रही कटौती को बंद किया जाए। इसमें नाजायज रूप से काटे गए पैसे को वापस दिलाया जाए।
नियम के अनुसार सभी लोडिंग-अनलोडिंग मजदूर को भविष्य निधि और इएसआई के तहत से आच्छादित किया जाए। ब्लैकलिस्टेड परिवहन अभिकर्ता के यहां हम लोगों का बकाया मजदूरी का तुरंत भुगतान किया जाए। उसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करा दी गई है, बेवजह वह भुगतान रोक कर रखा गया है।
इसका भुगतान नहीं कर करोड़ों रुपए का बंदरबांट बिहार में किया गया है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। अभी हम लोग तीन दिन की सांकेतिक हड़ताल पर हैं। अगर हम लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सात दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसकी सारी जवाबदेही बिहार राज्य खाद्य निगम की होगी। बखरी गोदाम में प्रदर्शन कर रहे मजदूरों के सरदार प्रमोद महतो, मजदूर सुरेश सिंह, रघुनंदन यादव, शंकर यादव, रतन महतो और सीताराम पासवान आदि ने कहा कि ठेकेदार के पास हम लोगों का जुलाई-अगस्त का लेबर भुगतान बकाया है।
इसके अलावा जब से प्रदीप कुमार नाम के ठेकेदार की गाड़ी शुरू हुई। 12 अगस्त 2023 से 16 अगस्त 2024 तक का पीएफ का पैसा भी जमा नहीं किया गया है। सभी मामलों पर एक्शन हो।