समाज में डॉक्टर को सिर्फ मर्ज का इलाज करने वाला ही नहीं, बल्कि इंसानियत का सच्चा सेवक माना जाता है। एसकेएमसीएच में दंत चिकित्सक डॉ. ब्रह्मानंद सहनी इसकी मिसाल पेश कर रहे हैं। उन्होंने गरीब व जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उठा ली
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6 माह पहले से वह गायघाट, औराई, कुढ़नी व कांटी जैसे ग्रामीण इलाकों में वे जरूरतमंद बच्चों के बीच कॉपी, किताब, कलम व स्कूल बैग बांट रहे हैं। अबतक 150 से ज्यादा बच्चों को पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध करा चुके हैं। उनकी मदद से बच्चों के चेहरे पर खुशी की चमक देखते ही बनती है। खास बात है कि वे सिर्फ एक बार मदद कर पीछे नहीं हटते, बल्कि लगातार बच्चों की पढ़ाई व प्रगति पर नजर रखते हैं।
डॉ. ब्रह्मानंद ने बताया कि गांवों में कई बच्चे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन गरीबी के कारण उनके पास किताबें और जरूरी सामान नहीं होते हैं। उन्होंने सोचा कि अगर कुछ बच्चों की भी मदद हो सके तो यह एक अच्छा कदम होगा। उनकी कोशिश है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई और सेहत से वंचित न रहे।
डॉ. ब्रह्मानंद सहनी शिक्षा के साथ बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखते हैं। साथी डॉक्टरों की मदद से हर माह एक स्वास्थ्य जांच शिविर लगाते हैं। इसमें शिशु रोग विशेषज्ञ व फिजिशियन आदि भी शामिल होते हैं। डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी बच्चा कुपोषण या अन्य बीमारियों का शिकार न हो।
अगर कोई बच्चा बीमार मिलता है, तब उसे तुरंत दवा दी जाती है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि जागरूक करना भी जरूरी है। इसलिए शिविरों में बच्चों के साथ माता-पिता को भी बुलाया जाता है। उन्हें सफाई, पोषण और बुनियादी स्वास्थ्य की जानकारी दी जाती है।