गुरुग्राम में साइबर अपराधियों द्वारा नगर निगम का फर्जी यूपीआई बना कर यूजर्स से ठगी का खुलासा हुआ है। पानी का बिल भरने के लिए लाखों यूजर्स के मोबाइल पर मैसेज भेजकर रुपए ट्रांसफर करवा लिए। उपभोक्ताओं को दोबारा बिल मिले तो उन्होंने मेयर से शिकायत की। मा
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इस फर्जी यूपीआई द्वारा कितने दिनों से ठगी का खेल चला रहा है और अब तक कितने यूजर्स को ठगा जा चुका है, इसको लेकर अधिकारी जांच कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने अब लोगों को फर्जी नंबर और यूपीआई से आगाह करते हुए पुलिस में कंप्लेंट की है।
वाइस कॉल, टेक्स्ट और वॉट्सऐप मैसेज भेजें
नगर निगम के कार्यकारी अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि पानी के बिल के नाम पर कॉल्स और वॉट्सऐप मैसेज भेजकर फर्जी यूपीआई आईडी के जरिए लोगों को तुरंत बिल भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। कई यूजर्स ने अनजाने में इस नंबर पर बिल की राशि ट्रांसफर भी कर दी। जब उन्होंने जांच की तो मोबाइल नंबर 9022138476 के बारे में पता चला।

प्लानिंग के साथ बिछाया जाल
अधिकारियों ने बताया कि पूरी प्लानिंग के साथ यूजर्स को ठगने के लिए जाल बिछाया। आरोपियों ने ट्रू कालर एप पर भी एमसीजी बिल ऑफिस लिखा हुआ है। इसके साथ ही उपभोक्ता को असली बिल की कॉपी भी भेजी जा रही है। जिससे यूजर्स इसे असली मान कर पेमेंट कर रहे हैं।
नगर निगम की अपील
संदिग्ध यूपीआई पर कोई भुगतान न करें
अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी शेयर न करें
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें
अनधिकृत मैसेज पर कोई भी राशि न भेजें। शक होने पर स्क्रीनशॉट लें और पुलिस में शिकायत दें
नगर निगम ने किया सचेत
नगर निगम की ओर से भी स्पष्ट किया गया है कि वे किसी भी उपभोक्ता से फोन या मैसेज के माध्यम से भुगतान की मांग नहीं करते। पानी के बिल का भुगतान केवल अधिकृत पोर्टल या नगर निगम कार्यालयों के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। नागरिकों से आग्रह किया है कि वे एक-दूसरे को इस बारे में जानकारी दें ताकि कोई भी इस ठगी का शिकार न हो। इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए जा रहे हैं।