एयरपोर्ट प्रशासन के अधिकारी मीटिंग करते हुए।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में हाल ही में हुए चार्टर्ड प्लेन क्रैश के बाद देशभर के एयरपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। इसी के मद्देनज़र चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी तेज कर दी गई है। एयरपोर्ट प्रबंध
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यह मॉक ड्रिल भारतीय वायुसेना (IAF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), एयरलाइंस और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर की जाएगी, ताकि किसी भी आपदा के समय सभी इकाइयों के बीच बेहतर तालमेल और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
केंद्र सरकार ने दिए विशेष दिशा-निर्देश
मध्यप्रदेश हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी हवाई अड्डों को अलर्ट किया है और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था की समीक्षा, अग्निशमन टीमों की तैयारी, और तकनीकी स्टाफ की ट्रेनिंग पर खास जोर देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी एयरपोर्ट से कहा गया है कि इमरजेंसी प्लान को अपडेट किया जाए और उसे वास्तविक स्थितियों के अनुसार परखा जाए।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर होने वाली मॉक ड्रिल में IAF, CISF, मेडिकल टीमें, एयरलाइंस, दमकल विभाग, पायलट, ग्राउंड स्टाफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को शामिल किया जाएगा। ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विमान हादसे, आग लगने या किसी और आपात स्थिति में सभी टीमें समय पर और सही तरीके से काम कर सकें।
एयरपोर्ट प्रशासन का बयान
एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि मॉक ड्रिल आम तौर पर समय-समय पर की जाती है, लेकिन इस बार मध्यप्रदेश में हुए विमान हादसे को ध्यान में रखते हुए इसे ज्यादा गंभीरता और सच्चाई के करीब लाकर किया जाएगा। लोगों से अपील की गई है कि जब यह ड्रिल हो, तो घबराएं नहीं क्योंकि यह पहले से तय एक अभ्यास है, ताकि किसी भी इमरजेंसी में बेहतर तरीके से काम किया जा सके।