चंडीगढ़ में दिव्यांग सैनिक के बेटे को आरक्षण का लाभ न देने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त कार्रवाई करते हुए हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने इस मामले को सैनिक का अनादर मानते हुए आयोग को याचिकाकर्ता को न
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चरखी दादरी के निवासी राहुल ने सब-इंस्पेक्टर की भर्ती में आवेदन किया था। राहुल ने अपनी याचिका में बताया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी कर चुके हैं और उन्होंने जून 2021 में HSSC के विज्ञापित सब-इंस्पेक्टर पद के लिए आवेदन किया था। हरियाणा सरकार के नियमों के तहत उन्होंने 50% से अधिक विकलांगता वाले भूतपूर्व सैनिक (ईएसएम विकलांग) के आश्रितों के कोटा में आवेदन किया था। राहुल के पिता को 1995 में श्रीलंका में हुए ऑपरेशन पवन के दौरान रॉकेट लॉन्चर से गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उन्हें 90% स्थायी विकलांगता हो गई थी।
राहुल ने अदालत को बताया कि उन्होंने चयनित उम्मीदवार से 57 अंक अधिक प्राप्त किए थे। हालांकि, उन्हें इस आधार पर चयन से वंचित कर दिया गया कि उन्होंने आवेदन पत्र के साथ वैध प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया था, जिससे उन्हें सामान्य ईएसएम श्रेणी में माना गया। हाईकोर्ट ने मामले की जांच करते हुए पाया कि जिला सैनिक बोर्ड ने जारी किया गया पात्रता प्रमाण पत्र वैध था और उसमें किसी विशेष प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं थी। कोर्ट ने आयोग की इस कार्रवाई को सैनिक का अनादर मानते हुए 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और राहुल को नियुक्ति देने का आदेश दिया।