दरभंगा का बच्चा 12 सितंबर 2022 को दिल्ली रेलवे स्टेशन से चोरी हो गया था। खुद को साबुन फैक्ट्री का मालिक बताकर बच्चा चोर ने परिजनों को झांसे में लिया था। दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। 2 महीने बाद बच्चे को पुलिस ने ग्वालियर से रिकव
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कोर्ट में बच्चे के माता-पिता को 2 साल में अबतक करीब 7 बार बुलाया जा चुका है। हर बार जाने-आने में 12 हजार रुपए खर्च होते हैं। इस हिसाब से कोर्ट के चक्कर काटते-काटते दंपती के 84 हजार रुपए खर्च हो गए। कोर्ट की आखिरी नोटिस 22 जनवरी को इन लोगों के पास आई थी। हालांकि, दंपती दिल्ली नहीं जा सके, क्योंकि इनके पास पैसे नहीं थे।
बच्चे के पिता सिंहवाड़ा प्रखंड के सनहपुर गांव के वार्ड-5 निवासी मुकेश भगत (30) है, जो हरियाणा के नरैला में 2018 से काम कर रहे थे। मुकेश प्राइवेट कान्ट्रैक्टर के यहां 12 हजार रुपए की सैलरी पर मजदूरी करते थे। कोर्ट-कचहरी के चक्कर में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। जिसके बाद आजतक उन्हें नौकरी नहीं मिली। इनके 3 बच्चे हैं। अब इनके लिए महीने में 5 हजार कमाना भी मुश्किल है।
बच्चों की पढ़ाई के लिए मुकेश ने अपनी 20 कट्टा जमीन 5 लाख में बेची थी। अब वो पैसे भी खत्म हो गए। अब छोटी-मोटी मजदूरी करके घर चला रहे हैं। बच्चे की चोरी के सदमे से मुकेश की मां जगिया देवी (60) की मौत हो चुकी है। पीड़ितों का कहना है कि इतना नुकसान का भरपाई कौन करेंगे?
कोर्ट में क्या चल रहा, क्या कार्रवाई हो रही पता नहीं- मुकेश
मुकेश के 3 बच्चों में सबसे बड़ी बेटी शिवानी कुमारी, उससे छोटा बेटा हिमांशु और सबसे छोटा रूपेश है। जिसे चोर चुरा ले गए थे। पीड़ित दंपती का कहना है कि ‘कोर्ट में क्या चल रहा है, क्या कार्रवाई हो रही, इसकी जानकारी हमलोगों को नहीं मिल रही।’
मुकेश ने बताया कि ‘मेरी पत्नी से कोर्ट में पूछताछ होती है, फिर उसे भेज दिया जाता है।’
वहीं, दरभंगा की SDPO सदर-टू ज्योति कुमारी का कहना है कि हो सकता है, मानव तस्करी के मामले को लेकर स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा हो।

दरभंगा के सिंहवाड़ा प्रखंड के सनहपुर गांव में पीड़ित दंपती का घर।
गोद में बच्चे को लेकर फरार हो गया था शख्स
रूपेश की मां कीमती देवी ने बताया कि ‘मैं अपने पति के पास हरियाणा जा रही थी। तीनों बच्चे साथ थे। पहले मैं दिल्ली पहुंची थी। रेलवे स्टेशन पर एक महिला आकर हमलोगों से बात करने लगी। इसके बाद वहां एक शख्स पहुंचा। उसने खुद को साबुन फैक्ट्री का मालिक बताया और हमें काम दिलाने की बात कही। पर मैंने उससे कहा कि मेरा आदमी आ रहा है, हमलोग कहीं और जा रहे हैं।’
‘रेलवे स्टेशन की सीढ़ी को पार करते वक्त शख्स ने बच्चे को खिलाने के बहाने गोद में ले लिया और उसे लेकर भाग गया। 13 सितंबर की सुबह तक कश्मीरी गेट थाना के पास बैठी रही, तब पुलिसकर्मियों ने शिकायत दर्ज की, पर बच्चे का पता नहीं चला। मीडिया वालों को भी सूचना दी। खबर चलने के बाद बच्चे को ले जाने का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया। जिसमें दिख रहा था कि चोर बच्चे को लेकर बस में बैठा है।’
‘दंपती कह रहे कि बच्चा चुराने वाले शख्स और उसे खरीदने वाली एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, पर मामला अब तक कश्मीरी गेट के तीस हजारी कोर्ट में चल रहा है।’
केस दर्ज कर पुलिस चुप बैठ गई थी- मुकेश
मुकेश भगत ने बताया कि ‘मैं दिसंबर की तारीख में कोर्ट गया था। बताया गया था कि अब आपको एक से दो बार ही बुलाया जाएगा। 30 से 40 हजार रुपए मिलेंगे। हो सकता है कि नहीं भी बुलाया जाए, मामला खत्म हो जाएगा। अब आने का जरूरत नहीं होगी। पिछली तारीख पर जाने के लिए पैसे नहीं थे। केस दर्ज कर पुलिस चुप बैठ गई थी।’
मुकेश ने बताया कि बच्चा चोरी होने की सूचना के बाद वह अपना काम छोड़ कर बच्चों को खोजने में लग गए। गांव जाकर जमीन बेचनी पड़ी। कोर्ट का चक्कर काट कर परेशान है।

परिजनों को वहां के अधिकारियों और अधिवक्ताओं से संपर्क करना चाहिए
एसडीपीओ सदर-टू ज्योति कुमारी ने बताया कि बच्चा गायब होने का मामला कश्मीरी गेट थाना में दर्ज हुआ है। परिजनों को वहां के अधिकारियों और अधिवक्ताओं से संपर्क करना चाहिए।
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