Tuesday, June 17, 2025
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छत्तीसगढ़ में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत: पहले ही लंग्स से जुड़ी दो बीमारी थी, कोविड ने कॉम्पलिकेशन बढ़ाए; रोज 5 नए मरीज मिल रहे – Chhattisgarh News


छत्तीसगढ़ में सोमवार को कोविड के नए वैरिएंट JN.1 से पहली मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक मृतक व्यक्ति राजनांदगांव का रहने वाला था। पिछले कई समय से वो मेडिकल प्रॉब्लम फेस कर रहा था। रूटीन डायलिसिस के लिए रायपुर के एक निजी हॉस्पिटल में आया हुआ था। डॉक्टर

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जांच रिपोर्ट में पेशेंट कोविड पॉजिटिव आया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ओवरऑल अब तक प्रदेश में कोविड के 117 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 42 पिछले पांच दिनों में मिले हैं। सोमवार को दस नए मरीज मिले हैं। इनमें रायपुर के 3, बिलासपुर के 3, दुर्ग के 2 और सरगुजा-महासमुंद से एक-एक मरीज मिले हैं।

24 मई को पहला मरीज मिल, 23 दिन में आंकड़ा 100 पार

हालांकि एक्टिव मरीजों की संख्या 51 है, वहीं 66 रिकवर हो चुके हैं। इनमें 41 होम आइसोलेशन में हैं। 9 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, वहीं 1 मरीज ICU में है। प्रदेश में 24 मई को प्रदेश में पहला कोविड पेशेंट रायपुर में मिला था। 23 दिन में आंकड़ा सैकड़ा का अंक पार गया है। इस लिहाज से प्रदेश में रोज 5 मरीज मिल रहे हैं।

अगले दस दिन में 50 और नए मरीज मिल सकते हैं

अच्छी बात ये है कि 3 मरीज रोज ठीक भी हो रहे हैं। कुछ और डेप्थ कैलकुलेशन करें तो जो डिजिट सामने आते हैं उसके मुताबिक कोविड की डेली ग्रोथ रेट 23.1% है, वहीं रिकवरी रेट 56.41% है। यानी रिकवरी रेट +33% हैं। इस लिहाज अगले 10 दिनों का प्रोजेक्शन सेट करें तो प्रदेश में कोविड मरीजों की संख्या 167 हो जाएगी। लेकिन इनमें 96 रिकवर भी हो चुके होंगे।

हालांकि पहली मौत के बाद प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है। शासकीय जिला अस्पतालों और दूसरे हेल्थ सेंटर्स में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल सभी तरह के स्टाफ की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है।

6 मई को सबसे ज्यादा मरीज सामने आए

इस महीने कोविड के सबसे ज्यादा मरीज बीते शुक्रवार यानी 6 मई को मिले थे। एक ही दिन में रायपुर में 11, बिलासपुर में 5 और बालोद में 1 मरीज के साथ कुल 17 मरीज मिले थे। नया वैरिएंट आने के बाद से ये एक दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा था।

सैंपल कलेक्शन से लेकर कोविड मरीज के इलाज तक की ट्रेनिंग स्टाफ को दी जा रही है। साथ ही इमरजेंसी सिचुएशन से निपटने के लिए मॉकड्रिल भी कराई गई है। ओवर ऑल बात करें तो प्रदेश में अब तक रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बालोद, बस्तर, सरगुजा महासमंद और बेमेतरा समेत कुल 9 जिलों में कोविड के पेशेंट मिल चुके हैं।

होम क्वारैंटाइन में ठीक हो रहे मरीज

मेकाहारा के डॉ. आर के पांडा के मुताबिक, ज्यादातर मरीज होम क्वारैंटाइन में ही ठीक हो जा रहे हैं, लेकिन उन मरीजों को ज्यादा खतरा है, जिन्हें पहले से दूसरी या एक से ज्यादा बीमारियां हैं। खासकर डायबिटीज पेशेंट और चेन स्मोकर्स नए वैरिएंट के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।

देशभर में कोविड से 108 मौतें

वहीं, अगर देशभर की बात करें तो 9 राज्यों को छोड़कर बाकी स्टेट्स में कोविड का नया वैरिएंट JN.1 फैल चुका है। अभी 7 हजार 264 मरीज रिकवर एक्टिव केस हैं। वहीं 13 हजार 604 से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं।जबकि 108 मौतें हो चुकी हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि नया वैरिएंट पहले की तुलना में कम खतरनाक हैं, फैटेलिटी रेट सिर्फ 2% है।

मेकाहारा में कोविड के सीरियस केस अब तक नहीं आए

मेकाहारा में पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड आर के पांडा ने बताया कि, कोविड के सीरियस केस अब तक नहीं आए हैं। मेकाहारा में 28 मई से कोविड ओपीडी शुरू कर दी गई है। कोविड का लक्षण दिखने पर तुरंत मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

DKS में स्पेशल एडवाइजरी नहीं

वहीं DKS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट हेमंत शर्मा ने बताया कि, उन्हें कोविड को लेकर कोई स्पेशल एडवाइजरी नहीं मिली है। इसकी वजह से ये व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। यहां कोविड टेस्ट नहीं हो रहा है।

ऑक्सीजन प्लांट्स बंद, बिगड़ सकती व्यवस्था

रायपुर में कोविड के बढ़ते केस के बीच सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन प्लांट को लेकर दिखती है। लास्ट कोविड वेव के दौरान पीएम केयर फंड से सरकारी अस्पताल DKS, आयुर्वेदिक कॉलेज और अंबेडकर अस्पताल में अपना ऑक्सीजन प्लांट खड़ा किया गया था, जिससे मरीजों को वक्त पर सप्लाई मिल सके।

अस्पताल परिसर में लगे ये ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। DKS में बीते 2 सालों में अस्पताल ने ऑक्सीजन सिलेंडर पर करीब 3.84 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। हर महीने करीब 16 लाख रुपए का बिल सिर्फ सिलेंडर खरीदने में जा रहा है।

पीएम केयर फंड से बने ऑक्सीजन लिक्विड प्लांट बंद पड़े हैं।

पीएम केयर फंड से बने ऑक्सीजन लिक्विड प्लांट बंद पड़े हैं।

डिमांड पूरी नहीं कर पाएंगे अभी के प्लांट्स- DKS

DKS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट हेमंत ने बताया कि CGMSC की ओर से उन्हें लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए एनओसी नहीं मिली। DKS में अभी CGMSC की ओर से एक ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेट हो रहा हैं, जिसकी कैपेसिटी 900 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जनरेट करनी की है।

उन्होंने बताया कि ये प्लांट इस समय हॉस्पिटल की सिर्फ 60% डिमांड ही पूरी कर पा रहा है। बाकी 40% सिलेंडर हॉस्पिटल को प्राइवेट एजेंसी से बुलाने पड़ रहे हैं।

ऐसे में कोविड केसेस अचानक बढ़ने पर ऑक्सीजन की डिमांड सरकारी सिस्टम फिलहाल पूरी करने की स्थिति में नहीं दिखता। ऐसे में लोगों को प्राइवेट सिलेंडर लेने होंगे। जिसके 1 जम्बो सिलेंडर की कीमत 300 से 400 के बीच होगी। एक सिलेंडर लगभग 4-5 मिनट ही चल पाता है।

DKS का ऑक्सीजन प्लांट हॉस्पिटल की करंट डिमांड भी पूरी नहीं कर पा रहा।

DKS का ऑक्सीजन प्लांट हॉस्पिटल की करंट डिमांड भी पूरी नहीं कर पा रहा।

सर्दी-खांसी के मरीज लगातार बढ़ रहे- स्वास्थ्य विभाग

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (इली) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (सारी) के लक्षण जिस भी मरीज में दिखे। उनके संबंध में तत्काल इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन सेंटर में रिपोर्ट करें।

वहीं, इस कंडीशन में दी जाने वाली दवाइयों से जो मरीज ठीक हो, उनकी स्क्रीनिंग की जाए। तत्काल उनके सैंपल कोविड-19 जांच के लिए भेजा जाए।

जीनोम सीक्वेंसिंग के सैंपल एम्स भेजे जाएंगे

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जरूरत पड़े तो जीनोम सीक्वेंसिंग के सैंपल एम्स, रायपुर भी भेजे जा सकते हैं। वहीं मितानिनों के माध्यम से समुदाय स्तर पर ऐसे लक्षणों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही अस्पतालों में जरूरी दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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छत्तीसगढ़ में कोविड JN.1 को लेकर लाइट अलर्ट है। यहां 19 एक्टिव केस हैं। इनमें सबसे ज्यादा 13 रायपुर के हैं। वहीं दुर्ग में 3, बिलासपुर में 2 और बस्तर में 1 हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक नया वैरिएंट पुराने कोविड वैरिएंट की तुलना में कम खतरनाक है। पढ़ें पूरी खबर…



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