मंगलवार को कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में लोगों की परेशानियां ग्राउंड फ्लोर पर सुनी गईं। पहले दिन नीचे हुई जनसुनवाई में काफी अव्यवस्था देखने को मिली। यहां सिर्फ 9 लोगों के बैठने के लिए ही जगह थी। जबकि एक समय पर करीब 40 लोग मौजूद रहते हैं। साथ ही पंखे भी
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अधिकारियों की मेज आने-जाने के रास्ते में लगी थी। मेज के पास आवेदन लिए लोग खड़े थे। इससे रास्ता ज्यादा संकरा हो गया था और दूसरे लोगों के निकलने में परेशानी हो रही थी। बता दें कि जनसुनवाई का इंतजाम फर्स्ट फ्लोर पर भी था, लेकिन वहां सिर्फ वही आवेदन सुने जा रहे थे, जिनको नीचे से ऊपर भेजा जा रहा था। मंगलवार की जनसुनवाई में कुल 146 आवेदन मिले। इनमें से सिर्फ 5 से 6 लोग ही सुनवाई के लिए फर्स्ट फ्लोर पर गए थे।
किसान से 2 करोड़ 46 लाख की धोखाधड़ी
मिसरोद के रहने वाले किसान हेमराज पाटीदार के साथ 2 करोड़ 46 लाख 44 हजार 800 रुपए की धोखाधड़ी हो गई। इसका आवेदन लेकर वो जनसुनवाई में पहुंचे। मिसरोद की रहने वाली सुनीता पाटीदार ने हेमराज से साल 2014 में जमीन खरीदी थी। जिसकी कुल कीमत 4 करोड़ 46 लाख 44 हजार 800 रुपए थी।
लेकिन, सुनीता ने हेमराज को आज की तारीख तक सिर्फ 2 करोड़ रुपए ही अदा किए। बाकी के पैसे नहीं मिले हैं। सुनीता ने बाकी की राशि के लिए हेमराज को 2 करोड़ 41 लाख 98 हजार 352 रुपए कीमत के कुल 3 चैक दिए थे। जिसे बैंक में लगाने पर वो बाउंस हो गए। सात ही इसी चैक के जरिए जमीन का नामांतरण भी करवा लिया। जनसुनवाई में किसान ने नामांतरण निरस्त कराने, पूरी राशि दिलाने और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
नगर निगम की जनसुनवाई में कोई अधिकारी नहीं था, क्लर्क को आवेदन
नगर निगम की जनसुनवाई में पहुंचे आवेदन समीर को वहां कोई अधिकारी मौजूद नहीं मिला। उन्होंने वहां मौजूद क्लर्क को आवेदन सौंप दिया। समीर का कहना था कि नगर निगम की जनसुनवाई में अधिकारियों का नहीं बैठने इस बात का सबूत है कि लोगों की परेशानियों का खुलेआम मजाक बनाया जा रहा है।
मंगलवार का दिन जनसुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है। इसके बाद भी नगर निगम अधिकारियों के पास लोगों की परेशानियों को सुनने के लिए समय नहीं है। यहां बता दें कि समीर द्वारा दिए गए आवेदन को क्लर्क नगर निगम कमिश्नर के डाक पेज में रख दिया गया था। इस पर कमिश्नर के साइन के बाद इसे संबंधित विभाग को सौंपा जाता है।
14 दिन से फूटी पड़ी पाइप लाइन प्रधानमंत्री आवास योजना कोकता के रहवासी जनसुनवाई में पहुंचे । उनका कहना था कि 14 दिनों से पानी की पाइपलाइन फूटी पड़ी है। इससे पूरे इलाके में पानी का रिसाव रहता है। रहवासियों का कहना था कि पिछले जनसुनवाई 10 जून 2025 को भी आवेदन लगाया गया था। जिस पर कलेक्टर ने संज्ञान लेकर नगर निगम को आदेशित किया था कि उसी दिन दोपहर 2 बजे तक समस्या का समाधान किया जाए। लेकिन, कोई समाधान नहीं किया गया।