6 मार्च को छतरपुर के सिटी कोतवाली थाने के टीआई अरविंद कुजूर ने पेप्टेक कॉलोनी में किराए के मकान में गोली मारकर सुसाइड कर लिया। पिछले 5 दिन से पुलिस जांच कर रही है। अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
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मामला लव ट्राएंगल का बताया जा रहा है। पूरे मामले का केंद्र 21 साल की आशी परमार को कहा जा रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि छतरपुर के तेजतर्रार टीआई इसी लड़की के प्यार में ब्लैकमेल हो रहे थे। लड़की और उसका बॉयफ्रेंड मिलकर टीआई को धमका रहे थे। इससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया।
वहीं, लड़की की मां का कहना है कि पहले जांच ये की जाए कि टीआई के पास इतने पैसे कहां से आए, जो वो इतने महंगे गिफ्ट देने की हैसियत रख रहा था।
दैनिक भास्कर ने लव ट्राएंगल, टीआई की शादीशुदा जिंदगी और लड़की के बॉयफ्रेंड के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। ये पता किया कि आखिर टीआई को सुसाइड के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट…
पत्नी कॉलेज में प्रोफेसर, बयान दर्ज दैनिक भास्कर की टीम जब छतरपुर के अयोध्या रोड थाना पहुंची तो यहां टीआई अरविंद कुजूर की पत्नी से बयान लिए जा रहे थे। वे सागर में रहती हैं। कॉलेज में प्रोफेसर हैं। बयान दर्ज होने के दौरान किसी भी मीडियाकर्मी को पुलिस स्टेशन के अंदर नहीं जाने दिया गया। मेन गेट को बंद करके रखा गया। कुछ ही देर में पुलिस टीआई की पत्नी को अपने साथ किसी अज्ञात स्थान पर ले गई।

टीआई कुजूर ने किराये के इसी मकान में सुसाइड किया था।
सीएसपी ने बताया क्या हुआ था उस दिन…
छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा ने कहा, 6 मार्च को शाम 6.20 पर टीआई अरविंद कुजूर के सुसाइड के बाद सबसे पहले हमने पेप्टेक टाऊन के मेन गेट के कैमरे चेक किए। उसमें ये सामने आया कि 5 मार्च की सुबह करीब 10 बजे गेट के सामने एक बस रुकी। उससे एक लड़का और लड़की उतरे, उसके बाद टीआई कुजूर अपनी सरकारी गाड़ी से उन्हें पिक करने आए और वापस अपने घर तक ले गए। इसके बाद 6 मार्च को शाम 5 बजकर 30 मिनट पर वो लड़की और लड़का सफेद रंग की कार से उसी गेट से बाहर निकले।
सुसाइड की जानकारी के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। टीआई का कमरा अंदर से बंद था। खिड़की तोड़ कर हम अंदर पहुंचे। वहां टीआई की डेडबॉडी पड़ी हुई थी। गेट तोड़ कर पुलिस बॉडी को बाहर लाई और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। उनके प्रमुख केयर टेकर दीपक अहिरवार से पूछताछ की। उसने बताया कि टीआई दो दिन से कमरे में ही थे।
आशी राजा और सोनू परमार भी करीब 30 घंटे से इसी कमरे में बंद थे। जब आशी और सोनू चले गए तो मैंने टीआई साहब से बात करने की कोशिश की। दरवाजा अभी भी अंदर से बंद था। मैंने आवाज लगाई और उन्हें बताया कि सर मैं सब्जी लेने जा रहा हूं। उनका जवाब आया कि मैं सुसाइड कर लूंगा। केयर टेकर ने दोबारा पूछा कि ये क्या कह रहे हैं तो उन्होंने दोबारा कहा कि मैं सुसाइड कर लूंगा।

15 लोगों के बयान,आशी और सोनू से पूछताछ जारी
सीएसपी मिश्रा ने कहा कि हमारे पास जो वीडियो सामने आए थे, उनसे पता चला कि टीआई से मिलने आई लड़की आशी राजा थी और लड़का उसका बॉयफ्रेंड सोनू परमार था। हमने दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। साथ ही उनसे संबंधित करीब 15 अन्य लोगों से पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि ये पूरा मामला ब्लैकमेलिंग का है। इसमें ब्लैकमेलिंग की धाराओं के साथ आशी राजा और सोनू पर जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
आशी ने लिए महंगे गिफ्ट, बॉयफ्रेंड को कार-आईफोन दिलाए
जांच में सामने आया है कि आशी लग्जरी लाइफ और महंगे सामानों की शौकीन थी। उसके पास से गुच्ची का डेढ़ लाख का बैग, डायमंड नेकलेस, आईफोन, सोने के झुमके, दो प्लॉट के कागज, एक कार बरामद हुए हैं। ये सभी सामान टी आई के पैसे से ही खरीदे गए थे। साथ ही पुलिस को टीआई और आशी के व्हाट्सएप चैट मिले हैं। पन्ना रोड स्थित किसी कॉलोनी में घर खरीदने को लेकर बातचीत भी मिली है।
इसके अलावा आशी के बॉयफ्रेंड के पास से सफारी कार और आईफोन जब्त किया गया है, जो टीआई ने ही उसे दिया था। पूरी जांच में ये सामने आया है कि आशी और उसका बॉयफ्रेंड मिलकर टीआई को ब्लैकमेल करते थे और उनसे पैसे ऐंठते थे। टीआई की पत्नी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

पुलिस जांच में पता चला कि आशीष को महंगे गिफ्ट का शौक था।
मां के साथ किराए के मकान में रहती है आशी
शहर के ही एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आशी अपनी मां के साथ यहां एक किराए के मकान में रहती थी। उसकी मां अपने पति से अलग होकर अपनी बेटी के साथ यहां रह रही थीं। मां अभी कहां हैं, इसकी जानकारी नहीं है।
दैनिक भास्कर ने आशी की मां सविता सिंह का पता निकाल लिया।
आशी की मां टीआई और बॉयफ्रेंड दोनों से नाराज

पुलिस को आज ये सब क्यों दिखा? टीआई के पास इतना पैसा आ कहां से रहा था? क्या कभी इस बारे में पुलिसवालों ने सोचा?
आशी की मां सविता सिंह अब ये सवाल उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी को एक मोहरा बनाया जा रहा है। आप ही बताइए सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक लड़के, टी आई और उनके कुछ केयर टेकर भी रहे होंगे वहां। उनके बीच मेरी बेटी आशी अकेली थी, तो शोषण किसका हो रहा होगा?
मेरी बेटी इतने दिनों से टी आई के लिए काम कर रही है( वो उसको गिफ्ट दे रहे थे। इसके अलावा उन्होंने सोनू को भी गिफ्ट दिए। उसे स्कॉर्पियो गिफ्ट की। 3-4 लाख की सोने की चेन गिफ्ट की।

आशीष सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है।
‘टीआई ने कहा था-बेटी से खुफिया काम करवाते हैं’
सविता सिंह ने बताया कि आशी टी आई के लिए काम करती थी। टीआई ने मुझे खुद बताया था कि वो उससे खुफिया काम करवाते हैं, जो काम ड्रेस में पुलिस नहीं कर पाती। इसके लिए उन्हें शार्प माइंड की लड़की की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने आशी को इसके लिए रखा। वो कई बार मेरे घर आए। मेरे घर का खाना खाते थे। फोन करके खाना भेजने के लिए कहते थे, खुद टिफिन लेने आते थे। आशी को लाड़ करते थे। उसे जो डेढ़ लाख का बैग गिफ्ट किया था, उसके पीछे की कहानी ये है कि टीआई ने हमें बताया था कि उनका कोई दोस्त दुबई से ये लेकर आया था। उनकी पत्नी यहां रहती नहीं हैं, इसलिए उन्होंने वो बैग आशी को दिया था।
आशी और टीआई की मुलाकात कब और हुई कैसे हुई इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इनके किसी आपसी मित्र के जरिए ये दोनों छतरपुर में ही पहली बार मिले थे।
‘टीआई मुझे मम्मीजी कहकर बुलाते थे’
सविता सिंह ने बताया कि टीआई ने आशी को नेकलेस और झुमके दिए थे। दो प्लॉट लेने में भी आर्थिक मदद की थी। हालांकि मैंने आशी के सामने इन चीजों का विरोध भी किया था। मैंने उस पर गुस्सा भी किया था, लेकिन फिर मैं खुद डर गई कि जिस टीआई का पूरे शहर में डंका बजता हो, उनके खिलाफ मैं जाऊंगी तो मेरा साथ कौन देगा। इसलिए मैं चुप रही।

बेटी की पढ़ाई के लिए रहती हैं पति से दूर
सविता सिंह ने बताया कि मैं यहां अपनी बेटी के साथ अकेली रह रही हूं। 20 साल की उम्र में मेरी शादी कर दी गई थी। मेरे पति अमित सिंह शराबी थे, जुआ खेलते थे, अय्याशी करते थे। मैंने कई सालों तक उनकी प्रताड़ना सही। शादी के एक साल बाद ही मेरी बेटी आशी पैदा हो गई। आशी का भविष्य खराब ना हो इसलिए मैं उन सबकी प्रताड़ना सहती रही। ज्यादा शराब पीने की वजह से मेरे पति को लकवा मार गया। बाद में मुझे उनसे दूर होना पड़ा। मैंने उनसे कोई तलाक नहीं ली है। आशी की पढ़ाई के लिए मैं उसे लेकर छतरपुर रहने लगी।

सोनू और आशी की तस्वीर। दोनों पर टीआई को ब्लैकमेल करने का आरोप है।
3 साल पहले आशी ने कहा- मुझे सोनू से शादी करनी है
3 साल पहले बेटी आशी ने मुझसे कहा कि मुझे सोनू परमार से शादी करनी है। मैंने सोनू को मिलने बुलाया। मेरी बेटी ग्रेजुएट थी और वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था। हालांकि मैं शादी के लिए मान गई, लेकिन कुछ ही दिनों के मुझे पता चला कि सोनू के खिलाफ पहले से कुछ अपराधिक मामले दर्ज हैं वो अपराधिक प्रवृत्ति का था। मैंने शादी के लिए मना कर दिया। आशी बहुत रोई वो नहीं मानी। फिर मैंने उससे कहा कि कुंडली मैच हो जाएगी तो शादी कर देंगे, लेकिन उनकी कुंडली मैच नहीं हुई। उस वक्त मैंने आशी को समझाया और वो मान भी गई।
हालांकि सोनू ने उसका पीछा नहीं छोड़ा था। उसने आशी को मेरे खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। वो मुझसे नफरत करने लगी थी। 6 माह से उसने बात भी बंद कर दी थी।
एक साल से आशी और 6 माह से सोनू को जानते थे टीआई
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोनू पन्ना नाके के पास एक किराए के कमरे में आशी के साथ लिव इन में रहता था। टीआई की आशी से मित्रता पिछले एक साल से थी, जबकि टीआई सोनू को इसी साल के जनवरी महीने से जानने लगे थे। वो आशी के जरिए ही सोनू से मिले और इसी बीच उसे सफारी गाड़ी, आईफोन और सोने की चेन भी दी थी।

अरविंद की उम्र और शादीशुदा होना भी उनके और आशी के संबंध के बीच आ रहा था।
टीआई शादी करना चाहते थे, आशी इस्तेमाल करना चाहती थी
पुलिस का कहना है कि टीआई आशी के प्रेम में पड़ गए थे और उससे शादी करना चाहते थे, लेकिन आशी 21 साल की थी और वो 48 साल के थे। आशी इस शादी को टालना चाह रही थी। वो अपने प्रेमी सोनू से ही शादी करना चाहती थी, इसलिए वो टीआई से पहली पत्नी को तलाक देने की बात कह रही थी और शादी को टाल रही थी। साथ ही टीआई को प्रेम के नाम पर गुमराह कर पैसे ऐंठ रही थी और अपने महंगे शौक पूरे कर रही थी। इस काम में उसका साथ उसका बॉयफ्रेंड भी दे रहा था।
टीआई के क्रिश्चियन होने और भर्ती पर भी उठ रहे सवाल
टीआई अरविंद कुजूर की मौत के बाद एक और मुद्दे ने जोर पकड़ा है- वह है धर्म का मुद्दा। दरअसल टी आई का अंतिम संस्कार सागर के क्रिश्चियन रीति रिवाज से हुआ। उनका परिवार भी क्रिश्चियनिटी की प्रैक्टिस करता है। इसके बाद सवाल उठने शुरू हुए कि इन्होंने ST कोटे से नौकरी कैसे ली, जबकि वे क्रिश्चियन थे।
इस बात का जवाब देते हुए सीएसपी अमन मिश्रा ने कहा कि वो और उनका परिवार क्रिश्चियनिटी फॉलो करते रहे होंगे, लेकिन जबसे वो यहां थे लगातार हिंदू धर्म को ही फॉलो कर रहे थे। वो यहां कभी चर्च नहीं गए। हाथ में कलावा बांधते थे। थाने में सुंदरकांड का पाठ कराते थे। क्षेत्र के कई धार्मिक कामों में भी सहयोग करते थे। रही बात नौकरी की तो वो जाति के आधार पर मिलती है, धर्म के आधार पर नहीं। वो ST थे, उसी आधार पर उन्हें नौकरी मिली।