कतार में लग कर मतदान करते वोटर की फोटो।
नालंदा के अस्थावां नगर पंचायत के वार्ड संख्या-3 में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए है। इसके तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लगाई है। अनुमंडल दंडाधिकारी वैभव नितिन काजले की
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राज्य निर्वाचन आयोग बिहार के निर्देशानुसार आगामी 28 जून को अस्थावां नगर पंचायत के वार्ड संख्या-3 के रिक्त पद के लिए मतदान होना है। मतदान मदरसा फसीहउल बनात, अस्थावां के दाएं और बाएं दोनों भागों में आयोजित किया जाएगा। मतदान केंद्र संख्या 3/1 और 3/2 के रूप में निर्धारित इन स्थानों पर स्थानीय मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मतगणना 30 जून 2025 को अनुमंडल कोर्ट भवन, अनुमंडल कार्यालय, बिहारशरीफ में खत्म होगी। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कड़े उपाय किए हैं।
असामाजिक तत्व लोक शांति को कर सकते भंग
अनुमंडल दंडाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि चुनावी माहौल में मतदाताओं को डराने-धमकाने या अनुचित दबाव डालने की संभावनाओं को देखते हुए यह निषेधाज्ञा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व लोक शांति को भंग कर सकते है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकता है।
28 जून को होगा मतदान।
निषेधाज्ञा के तहत लगाए गए मुख्य प्रतिबंध इस प्रकार हैं:-
गैरकानूनी जमावड़े पर रोक, निर्धारित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध सभा-समारोह या भीड़ जुटाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
हथियारों पर पाबंदी है। आग्नेयास्त्र, विस्फोटक, कारतूस, लाठी, भाला, गड़ासा, तलवार, फरसा आदि किसी भी प्रकार के हथियार रखना या ले जाना मना है। हालांकि, परंपरागत रूप से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, वृद्धों की सहायता के लिए लाठी, दिव्यांगों की बैसाखी और सरकारी काम में तैनात पुलिसकर्मियों पर यह पाबंदी लागू नहीं होगी।
लाइसेंसी हथियारों पर रोक
लाइसेंसी व्यक्ति भी अपने हथियार नहीं ले जा सकते और न ही उनका प्रदर्शन कर सकते हैं।
बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के कोई भी सभा, धरना, प्रदर्शन या जुलूस का आयोजन नहीं किया जा सकता।
यह निषेधाज्ञा मतदान केंद्र और मतगणना स्थल के 500 मीटर की परिधि में लागू की गई है। यह आदेश 28 जून की सुबह 6 बजे से चुनावी प्रक्रिया की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।
अनुमंडल दंडाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और दंड प्रक्रिया संहिता की संगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।