सेक्टर-12 स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में प्रेस वार्ता करते पूर्व उप मुख्य मंत्री दिनेश शर्मा।
अंबेडकर जी के संविधान का भारत अपने उस संविधान को विध्वंस होते देख रहा था। जब 25 जून की मध्य रात कांग्रेस ने आपातकाल की घोषणा की। इससे संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। ये बात बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कही। वो यहां आपात
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मीडिया को बैन किया गया। प्रतिष्ठित सामजिक लोगों को जेल में डाला गया। जजों का ट्रांसफर किया गया। संविधान की हत्या की गई। अपनी तानाशाही के लिए लोकसभा का कार्यकाल 6 साल के लिए कर दिया। आज ये लाल किताब लेकर चलते है। संविधान का मजाक बनाना इनकी खानदानी परंपरा है। आपरेशन सिंदूर के तहत राहुल गांधी पाकिस्तान के प्रवक्ता बन गए। पाकिस्तान मीडिया में हेडलाइन बने जिसे पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ में ले गया। हमने उनके सामने सबूत रखे।
आलोचना के रूप इंदिरा को करते है याद जब आपरेशन सिंदूर हुआ तो कहते है इंदिरा जी को याद करो। लेकिन सही ये है लोग इंदिरा जी को इमरजेंसी के लिए याद नहीं बल्कि आलोचना करते है। क्योंकि देश की अवाम को जो लोकतांत्रिक अधिकार बाबा साहब ने दिया उसे किस तरह से छिन्न भिन्न कर दिया। कांग्रेस सरकार ने 90 बार राष्ट्रपति शासन लगाया था। इंदिरा जी ने 50 बार विपक्ष की सरकार को बर्खास्त किया। ये लोक तंत्र का हनन था।
शरणार्थी को दिए हमारे संसाधन इंदिरा जी ने 1971 में जो नारा था गरीबी हटाओं। बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरणार्थी बना दिया। आपके हिंदुस्तान के संसाधनों का प्रयोग शरणार्थी करने लगे। उसी समय आज की तुलना करे तो मुद्रा स्फीति की दर 3 प्रतिशत से नीचे आ रही है। महंगाई की दर 2.8 प्रतिशत है। यानी सुशासन है। 1975 का आपातकाल को आतंक काल था। थाने में मुकदमा दर्ज नहीं होता था। न्यायालय में वाद दायर नहीं हो रहे थे। लाखों लोगों की नसबंदी की गई। यानी संविधान की हत्या की गई।