स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के बयान पर कड़ा एतराज जताया।
पंजाब में फरीदकोट के कोटकपूरा क्षेत्र से विधायक व पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के उस बयान पर कड़ा एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सिख पथ से संबंधित शताब्दी समारोह आयोजित कि
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एडवोकेट धामी ने सरकार द्वारा सुझाव मांगे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि शताब्दी समागम आयोजित करना एसजीपीसी के दायरे में आता है, ना कि पंजाब सरकार के दायरे में। इस पर विधानसभा स्पीकर संधवां ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहली बार शताब्दी समागम आयोजित नहीं किए जा रहे।
पिछली सरकारों के समय में भी यह समागम होते रहे हैं। वह भी गुर सिख है और पंजाब के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। ऐसे में उन्हें भी ऐसे सिख पंथ के प्रचार प्रसार के लिए शताब्दी कार्यक्रम आयोजित करने का पूरा हक है। उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि एसजीपीसी, समूचे सिख पंथ का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इसके चलते एसजीपीसी के प्रधान को एक राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर प्रतिक्रिया देने से गुरेज करना चाहिए।
विवाद खड़ा करने की जगह योग्य सुझाव दें एसजीपीसी- स्पीकर विधानसभा स्पीकर संधवां ने अकाली दल पर भी तंज कसते हुए कहा कि 1999 में अकाली दल ने सिख कौम को अमृतधारी होने का आहवान किया था पर वर्तमान समय के हालात किसी से छिपे नहीं है। इस पार्टी के प्रतिनिधियों के नाम से सिंह शब्द भी गायब हो चुके है। उन्होंने एसजीपीसी को विवाद खड़ा करने के जगह योग्य सुझाव देने व सहयोग की अपील की है।
मालूम हो कि राज्य सरकार ने हाल ही में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वां शहीदी दिवस और श्री अमृतसर साहिब के 450वां स्थापना दिवस के मौके पर समागम आयोजित करने के लिए आम लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं और इसके लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। सुझावों के आधार पर पंजाब सरकार द्वारा इन दोनों धार्मिक शताब्दी समागमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।