ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि विस्थापित लोगों को शत-प्रतिशत मुआवजा और बुनियादी सुविधाएं एमओयू के अनुसार दी जाएं।
पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक में ग्रामीणों ने कोयला उत्खनन और परिवहन 72 घंटे से बंद कर रखा है। ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि विस्थापित लोगों को शत-प्रतिशत मुआवजा और बुनियादी सुविधाएं एमओयू के अनुसार दी जाएं।
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जिला प्रशासन के निर्देश पर सिविल एसडीओ साइमन मरांडी, एसी जेम्स सुरीन, महेशपुर एसडीपीओ विजय कुमार और अमड़ापाड़ा बीडीओ चिलगो फुटबॉल मैदान पहुंचे। यहां त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई। जमीन पर बैठकर हुई वार्ता में बंगाल पावर कारपोरेशन के रामाशीष चटर्जी और कोल प्रबंधन से अनिल रेड्डी शामिल हुए। ग्रामीणों की ओर से आंद्रियास मुर्मू, सुरेश टुडू, रमेश मुर्मू, नजीर सोरेन और मुंशी टुडू समेत कई लोग मौजूद थे।
ग्रामीण नाराज हो गए और समय देने से इनकार कर दिया
वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने कंपनी से एमओयू दस्तावेज और उसमें उल्लेखित शर्तों की जानकारी मांगी। कंपनी ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए 30 जून तक का समय मांगा। इस पर ग्रामीण नाराज हो गए और समय देने से इनकार कर दिया।
सिविल एसडीओ साइमन मरांडी ने बताया कि ग्रामीण एमओयू के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वर्तमान कोल कंपनी के पास समझौते की प्रति नहीं है, जिसके कारण वार्ता स्थगित हो गई। उन्होंने कहा कि समझौते की प्रति मिलने के बाद ग्रामीणों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान किया जाएगा।
बीजीआर कंपनी के पीआरओ संजय बेसरा ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, वार्ता का रास्ता अभी भी खुला है और ग्रामीणों के साथ पुनः वार्ता की जाएगी।