प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने भागलपुर में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि बिहार में 2004 की तुलना में 2024 में वन क्षेत्र 50% तक बढ़ गया है।मंत्री ने सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार
.
जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर काम किया जा रहा है। सरकार हरियाली मिशन और जल जीवन हरियाली जैसी योजनाएं चला रही है। नए वृक्षारोपण कार्यक्रम जल्द शुरू किए जाएंगे। जनभागीदारी से हरित बिहार अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि पर्यावरण दिवस पर एक विशेष गीत का विमोचन किया गया है। इस गीत में बाल्मीकि नगर, दुर्गापुरी, राजगीर, बौंसी और मंदार पर्वत जैसे क्षेत्रों के मनोरम दृश्य दिखाए गए हैं।
कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष शाह सहित अन्य पदाधिकारियों ने मंत्री का पुष्पगुच्छ और अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया।
मंदार पर्वत पर रोपवे होगा शुरू
बौंसी के मंदार पर्वत पर रोपवे को जल्द प्रारंभ करने की बात कही गई है। मंत्री ने कहा कि 15 से 20 दिनों में फिर से रोपवे प्रारंभ कर दिया जाएगा, ताकि लोगों को आने-जाने में किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी साझा किया कि इस रोपवे की शुरुआत मैंने ही की थी। योजना को पारित करने में मेरा अहम योगदान था।
मंत्री ने कहा कि बिहार में वन एवं पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। स्कूली छात्रों और युवाओं को इस दिशा में जोड़ने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में पर्यावरण शिक्षा को और प्रभावी बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए काम जारी
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि राज्य सरकार जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना पर काम कर रही है। इसमें सालों जल संचयन, जल स्रोतों का पुनरुद्धार, जैव विविधता संरक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने जैसे कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं।

भाजपा के भागलपुर जिला अध्यक्ष संतोष शाह के साथ पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और पर्यावरण से जुड़े सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। मंत्री ने स्थानीय समस्याओं को भी सुना और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि यह सतत प्रयास का विषय है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाएं।
सुल्तानगंज अगवानी पुल के गिरने के बाद उसके अवशेष को निकालने की बात पर मंत्री ने कहा शादी में बिरह के गीत नहीं होते है।