Thursday, April 24, 2025
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भोपाली टाइगर और मोर को मिलेगा सुरक्षित घर: सीहोर की वीरपुर व भोपाल की समरधा रेंज को मिलाकर बनेगा नया कंजर्वेशन रिजर्व – Bhopal News


इस जंगल में अभी 31 टाइगर, 137 तेंदुए और 1213 मोर मौजूद

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रातापानी टाइगर रिजर्व से सटी दो फॉरेस्ट रेंज में मौजूद वन्यजीवों के संरक्षण और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग भोपाल कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की तैयारी कर रहा है। यह रिजर्व सीहोर जिले के वीरपुर और भोपाल के समरधा रेंज को मिलाकर बनेगा, जहां काफी घना जंगल और 10 हजार से अधिक वन्यजीवों का बसेरा है।

इस कंजर्वेशन रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 12582 हेक्टेयर (125.52 वर्ग किलोमीटर) होगा। इस रिजर्व में तीन तहसीलों इछावर, सीहोर और हुजूर का एरिया आएगा। सीहोर वन मंडल का 7084 हेक्टेयर और भोपाल का 5147 हेक्टेयर वन भूमि आएगी। समरधा वन परिक्षेत्र में भोपाल के तीन राजस्व ग्राम शाहपुर, केकड़िया और बावड़ीखेड़ा भी शामिल है। वहीं सीहोर की वीरपुर रेंज के कठोतिया, सेवनिया परिहार और लावाखेड़ी शामिल हैं।

कंजर्वेशन रिजर्व के लिए पंचायतों से मिली सहमति

इस कंजर्वेशन रिजर्व की सीमा से पांच किलोमीटर की परिधि में कुल 57 गांव आ रहे हैं, जिन्हें इस जंगल में मवेशी चराई का अधिकार है। यह आगे भी जारी रहेगा। इनमें रायसेन के 9, सीहोर के 33 व भोपाल के करीब 25 गांव शामिल हैं। कंजर्वेशन रिजर्व से इन गांवों की जमीनों पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। अधिकांश ग्राम पंचायतों ने कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की सहमति वन विभाग को दे दी है।

कंजर्वेशन रिजर्व में इछावर, सीहोर और हुजूर का एरिया शामिल

कंजर्वेशन रिजर्व बनने का यह फायदा इस पूरे इलाके में मौजूद वन्यजीवों, पौधों की प्रजातियों और प्राकृतिक आवासों का संरक्षण हो सकेगा। इसके लिए यहां पहले से मौजूद भूस्वामियों या समुदायों से जमीन छीने बिना उनकी भागीदारी से संरक्षण के प्रयास किए जाएंगे। {सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत रिजर्व के भीतर वन्यजीवों और पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लग सकेगी।

10 सदस्यीय कमेटी संभालेगी प्रबंधन

  • इस कंजर्वेशन रिजर्व के लिए एक व्यवस्थापन कमेटी गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष पदेन एपीसीसीएफ वन्यजीव और सदस्य सचिव भोपाल डीएफओ होंगे।
  • इसके अलावा 8 सदस्य होंगे, जिनमें सीहोर डीएफओ, कृषि, पशुपालन विभाग के एक-एक प्रतिनिधि, कंजर्वेशन रिजर्व के अंदर आने वाली पंचायतों के सरपंच, वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाले एक एनजीओ के प्रतिनिधि के अलावा दो राज्य शासन की ओर से नियुक्त सदस्य होंगे।
  • यह कमेटी ही कंजर्वेशन रिजर्व के लिए नियम बनाएगी, साथ ही रखरखाव संबंधी सलाह देगी।

रातापानी टाइगर रिजर्व के बाहर भोपाल-सीहोर के ऐसे जंगल, जहां वन्यजीवों की अच्छी संख्या है, का संरक्षण करने के लिए कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव है। टाइगर रिजर्व बनने से इस क्षेत्र में इको टूरिज्म की भी संभावनाएं बढ़ गई हैं। –शुभरंजन सेन, पीसीसीएफ (वन्यजीव)



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