मंडला में महिष्मति मां नर्मदा उत्तरवाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय परिक्रमा गुरुवार को शुरू हुई। श्रद्धालुओं ने मंडला के व्यास नारायण मंदिर में संकल्प लिया। किलाघाट से नाव से नर्मदा पार कर पुरवा के मां सरस्वती प्रस्त्रवण तीर्थ
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पंडित नीलू महाराज ने बताया कि नर्मदा नदी अमरकंटक से खंबात की खाड़ी तक तीन स्थानों पर उत्तरवाहिनी होती है। ये स्थान हैं – गुजरात का तिलकवाड़ा, मंडला और ओमकारेश्वर। मंडला में दक्षिण तट के संगम घाट से घाघी तक और उत्तर तट के किले घाट से बबैहा तक लगभग 21 किलोमीटर का प्रवाह उत्तर दिशा की ओर है।
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात से शामिल हुए श्रद्धालु
शास्त्रों के मुताबिक, चैत्र मास में की गई उत्तरवाहिनी नर्मदा की परिक्रमा का पुण्य संपूर्ण नर्मदा परिक्रमा के बराबर है। इस यात्रा में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से करीब 1000 श्रद्धालु शामिल हुए हैं।
यात्रा का पहला पड़ाव घाघा-घाघी में होगा। अगले दिन शुक्रवार को श्रद्धालु नर्मदा पार कर बबैहा गरम पानी कुंड पहुंचेंगे। वहां से ग्वारी, फूलसागर, तिंदनी, गाजीपुर, कटरा, गौंझी और देवदरा होते हुए व्यास नारायण मंदिर पहुंचेंगे।
शुक्रवार शाम को यात्रा का समापन प्रसाद वितरण के साथ होगा।