मेरठ में हुआ कर्मवीर सम्मान समारोह
मेरठ में रविवार को एलेक्जेंडर क्लब में कर्मवीरों को सम्मानित किया गया। कर्मवीर सम्मान समारोह में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया। सोशल मीडिया एसोसिएशन ने आरकेबी फाउंडेशन और ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन (आईना) के सहयोग से
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डिजिटल मीडिया का नया युग
विभिन्न क्षेत्रों से कर्मवीरों को किया गया सम्मानित
विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पहला हिंदी अखबार ‘उदंत मार्तंड’ 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ था। इसी कारण हम 30 मई को पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार यह दिन 200 साल पूरे कर रहा है। तब से अब तक पत्रकारिता की दुनिया बहुत बदल चुकी है। प्लेटफॉर्म बदले हैं—अखबार के बाद रेडियो आया, फिर टीवी और उसके बाद इंटरनेट ने सूचना जगत में तहलका मचा दिया। आज पूरी दुनिया एक ‘खबर संसार’ में बदल गई है, जहां पलभर में सूचनाएं पूरी दुनिया में पहुंच जाती हैं।
खबरों की अब रफ्तार बढ़ी है

राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने दिया सम्मान
समारोह में विशिष्ट अतिथि सोशल मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील डांग रहे। सुनील डांग ने कहा पत्रकार का कार्य सवाल उठाना और समाज का मार्ग प्रशस्त करना है। खबरों में विश्वसनीयता से ही समाज में साख और स्वीकार्यता बनती है। अब खबरों की रफ्तार बढ़ गई है। अब खबरों की दुनिया में भी हाईवे बन गए हैं, पहले यहां केवल “माईवे” होते थे। परेशानियों के समाधान तलाशने होंगे

मुख्य अतिथि मेरठ के पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि समय के साथ तकनीक बदलती है और नई तकनीक नई चुनौतियां लेकर आती है। जब हमने बड़े रास्तों की चाह की, तो हाईवे बने। हाईवे बने तो दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ी। लेकिन आप दुर्घटनाओं के डर से चौड़े रास्ते बनाना बंद नहीं कर सकते। इसके समाधान तलाशने होंगे।
देश पत्रकारिता के बिना प्रगति नहीं कर सकता

समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. एम.के. बंसल ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी देश पत्रकारिता के चौथे स्तंभ के बिना प्रगति नहीं कर सकता। आरकेबी फाउंडेशन के चेयरमैन रवि विश्नोई ने कहा कि पत्रकारों को डरना नहीं चाहिए। यदि आपकी कलम में धार है तो सिस्टम आपका लोहा मानेगा। समाज में भी आपकी स्वीकार्यता बढ़ेगी। अंकित बिश्नोई ने विशेष प्रवर्तन प्रस्तुत किया।
तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो

राष्ट्रपति अवार्ड विजेता सरबजीत कपूर ने अतिथियों का स्वागत किया। भाजपा नेता अंकित चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। संयोजक और पूर्व कार्यवाहक सूचना उपनिदेशक सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आज़ादी के समय भारत में पत्रकारिता की ताकत की तुलना अकबर इलाहाबादी ने तोप से की थी।
इन्हें किया गया सम्मानित

समारोह में सभी को पगड़ी, दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। प्रशस्ति पत्र और तुलसी का पौधा भेंट किया गया। सम्मान की शुरुआत अन्नपूर्णा ट्रस्ट में सेवा कार्य करने वालीं वकीला बेगम से हुई। पत्रकारिता क्षेत्र से पुष्पेंद्र शर्मा,नीरजकांत राही,शालू अग्रवाल, सुशील कुमार,राजेश शर्मा,डॉ. रविंद्र राणा ,शरद व्यास ,सलीम अहमद, प्रशांत कौशिक, शशांक अवस्थी, पन्ना मोहन शाक्य, पुष्कर कुमार,आबिद अली,आर.एन. धामा (पूर्व एडिशनल कमिश्नर),शैलेंद्र चौधरी, अवधेश कुमार, नईम कुमार, नरेश उपाध्याय को सम्मानित किया गया। शिक्षा क्षेत्र से डॉ. वी. के. शर्मा (पूर्व प्राचार्य, बदायूं पीजी कॉलेज), डॉ. मनमोहिनी आर्य (प्राचार्य, सनातन धर्म डिग्री कॉलेज), एन. पी. सिंह (प्राचार्य, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल),रीता देवी (प्राचार्या, जगदीश शरण कन्या इंटर कॉलेज) को सम्मानित किया गया।

साहित्य और कला क्षेत्र से निर्मल गुप्ता, डॉ. सुधाकर आशावादी,कवि ईश्वर चंद गंभीर, विनय नौक, डॉ. शुभम त्यागी,रंगकर्मी भारत भूषण, विनोद बेचैन को सम्मानित किया गया। समाजसेवा और नागरिक योगदान के क्षेत्र में करुणा घिल्डियाल, अनिता राणा, हिना रस्तोगी, ज्योति बालियान,वरिष्ठ नागरिक सत्यप्रकाश गोयल, वीरेंद्र सिंह ललसाना, डॉ. प्रदीप शुक्ला, डॉ. ज्योति शुक्ला,एडवोकेट प्रकाश वीर शास्त्री, देवी शरण, नवीन जैन,रामकुमार शर्मा एडवोकेट, सुशील कंसल, नितिन गुप्ता को सम्मानित किया गया।
