कोंडागांव में आयोजित जिला स्तरीय प्रेस वार्ता में प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 11 साल सेवा और सुशासन के रहे हैं।
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देवांगन ने बताया कि सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाया है। जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान, पीएम आवास और जल जीवन मिशन से करोड़ों नागरिकों का जीवन सुधरा है।
वहीं, जिले में ईथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति ने मक्का खरीदी के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। समिति को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से 25,000 क्विंटल मक्का की मांग मिली है।
कोंडागांव में मंत्री देवांगन ने जिला स्तरीय प्रेस वार्ता ली
मंत्री देवांगन ने बताया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। मेक इन इंडिया के तहत निर्यात में वृद्धि हुई है। सुरक्षा के मोर्चे पर नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर काफी कम हो गई है।
नक्सल घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।कार्यक्रम में कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, भाजपा जिलाध्यक्ष सेवकराम नेताम, पूर्व जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा, वरिष्ठ नेता मनोज जैन और नगर पालिका अध्यक्ष नरपति पटेल सहित कई भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे।

2225 रुपए प्रति क्विंटल पर होगी खरीदी
सहकारी समिति के जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, खरीदी केवल संस्था के अंशधारी किसान सदस्यों से की जाएगी। मक्का की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपए प्रति क्विंटल पर होगी।
किसानों को विकासखंड के अनुसार अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। कोंडागांव और माकड़ी में 40 रुपए, फरसगांव में 50 रुपए तथा केशकाल और बड़ेराजपुर में 60 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सोमवार से शुक्रवार होगी खरीदी
मक्का की खरीदी कोकोड़ी स्थित ईथेनॉल प्लांट में सोमवार से शुक्रवार तक होगी। टोकन वितरण 19 जून 2025 से प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। जिले के पांचों विकासखंडों में दस लैम्प्स को टोकन वितरण केंद्र बनाया गया है।
किसानों को टोकन के लिए ऋण पुस्तिका, शेयर प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छायाप्रति देनी होगी। केवल औसत अच्छी किस्म की मक्का खरीदी जाएगी।
मक्का में स्टार्च की मात्रा न्यूनतम 58% और नमी अधिकतम 14% होनी चाहिए। मक्का की पैकिंग 50 किलोग्राम के बारदानों में करनी होगी। भुगतान 7 कार्य दिवसों के भीतर किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा।