अखिलेश यादव ने गुरुवार सुबह X पर राहुल का हाथ पकड़े फोटो शेयर की है।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेगी। राज्य के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने गुरुवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस उपचुनाव में INDIA गठबंधन का समर्थन करेगी।’ इसके बाद सपा ने गाजियाबाद और खैर सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों क
.
राज्य की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। रिजल्ट 23 नवंबर को आएंगे।
इससे पहले अखिलेश यादव ने बुधवार रात 11.11 बजे X पर कहा, ‘INDIA गठबंधन के प्रत्याशी सपा के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर ही चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार सुबह अखिलेश ने राहुल का हाथ थामे एक फोटो भी शेयर किया।’
अखिलेश ने लिखा- हमने ठाना है
अखिलेश ने गुरुवार को X पर राहुल गांधी का हाथ पकड़े एक फोटो शेयर की। इसमें लिखा, ‘हमने ठाना है। संविधान, आरक्षण और सौहार्द बचाना है।’
अखिलेश का बुधवार रात 11.11 बजे सोशल मीडिया मैसेज
बात सीट की नहीं जीत की है। इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर सपा के चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और सपा एक बड़ी जीत के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी हैं। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से सपा की शक्ति कई गुना बढ़ गई। ये देश का संविधान, सौहार्द और PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। अखिलेश यादव
भाजपा का तंज- यूपी में पंजा खाली हाथ रह गया अखिलेश के ऐलान के बाद गुरुवार सुबह भाजपा ने तंज कसा। प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- इंडी गठबंधन खंड-खंड हो गया। यूपी में हाथ का पंजा एक बार फिर खाली रह गया। कांग्रेस हाथ मलती रह गई। सपा ने कांग्रेस को धोबी पछाड़ दांव दिया है।
भाजपा का ‘कांग्रेस मुक्त’ नारा सपा साकार कर रही है। कांग्रेस अपनी दुर्दशा के लिए खुद जिम्मेदार है। अखिलेश ने मध्य प्रदेश और हरियाणा विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है।
अखिलेश की राहुल से फोन पर हुई बात, फिर हुआ ऐलान सपा सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच बुधवार रात को फोन पर बातचीत हुई। राहुल ने उपचुनाव न लड़ने और सपा को पूरा सहयोग देने का वादा किया। अखिलेश ने इसके लिए राहुल का शुक्रिया अदा किया।

यह तस्वीर 21 अक्टूबर की है, जब मैनपुरी से तेज प्रताप यादव ने नामांकन किया था। तब अखिलेश यादव भी उनके साथ रहे थे।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व उपचुनाव में नहीं आना चाहता था दरअसल, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को उपचुनाव को लेकर बहुत इंटरेस्ट नहीं था। कांग्रेस का फोकस महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में है। सूत्रों ने बताया कि राहुल और अखिलेश के बीच काफी देर बातचीत हुई। इसके बाद राहुल ने उपचुनाव न लड़ने की कही। इसके बाद ही अखिलेश ने सार्वजनिक ऐलान किया।

सभी सीटों पर कांग्रेस ने की थीं सभाएं कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए सभी खाली सीटों पर चुनाव प्रभारी का ऐलान पहले ही कर दिया था। इसके बाद सभी सीटों पर चुनावी कार्यक्रम भी किए थे। कांग्रेस ने पहले 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन सपा से 2 सीटें अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद की सदर सीट देने पर सहमति बनी थी।
हालांकि इन सीटों पर जो सियासी समीकरण हैं उसमें कांग्रेस की जीत आसान नहीं थी। इसके बाद कांग्रेस ने प्रयागराज की फूलपुर और मिर्जापुर की मझवां सीट पर दावेदारी की, लेकिन इस पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई।

यह मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर है, कांग्रेस ने यहां कैंपेनिंग की थी।
हरियाणा में बात नहीं बनी, तो सपा ने नहीं लड़ा चुनाव हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी थी। इसके बाद सपा ने वहां चुनाव नहीं लड़ा था। अखिलेश यादव और राहुल गांधी की बातचीत के बाद ऐसा हुआ था। अब यूपी में कांग्रेस अपने सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतार रही है।

यूपी की 9 सीटों पर क्यों हो रहे उपचुनाव

……………………………
यह खबर भी पढ़ें:
मथुरा में मंथन… मुस्लिमों को जोड़ेगा संघ: जातिवादी समाज को हिंदुत्व से जोड़ने का एजेंडा तैयार; 97 हजार गांव पहुंचेंगी शाखा

भाजपा में UP का सियासी समीकरण भले ही संगठन साधता हो, मगर रोड मैप RSS (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) ही बनाता आया है। पार्टी के लिए चुनाव की जीत आसान बनाने के लिए एजेंडा भी सेट करता है। UP के विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, इससे पहले मोहन भागवत मथुरा में 10 दिन के प्रवास पर हैं। योगी भी 2 घंटे बंद कमरे में उनके साथ मंथन करते रहे। पढ़ें पूरी खबर…