राजधानी में भट्टी जैसे टीन शेड में पाठशाला लग रहीं हैं। यह स्थिति टीटी नगर स्थित कस्तूरबा कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल की है। सोमवार को जब गर्मी की छुट्टी के बाद पहले दिन स्टूडेंट्स और टीचर्स सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचे तो उन्हें पता चला की बिजली गुल ह
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टीचर्स बोले- बच्चों की बिगड़ सकती है तबीयत स्कूल के टीचर्स ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर बताया कि वे इस मामले में कई बार शिकायत कर चुके हैं। टीन शैड इतने गर्म हो जाते हैं कि उन्हें छूने पर हाथ जल जाए। ऐसे में इनके अंदर बैठना कैसे संभव है। बच्चों को यदि इसमें बैठाया जाए तो उनकी तबीयत खराब हो सकी है।
4 साल से यही स्थिति स्मार्ट सिटी के तहत कई स्कूलों को शेड में शिफ्ट किया गया था। इन्हें नया भवन देने की बात कही गई थी। तब तक के लिए अस्थायी टीन शैड रूपी कक्षाएं तैयार की गईं। किसी स्कूल को 4 साल तो किसी स्कूल को 5 साल से भवन के लिए जमीन नहीं मिली है। अब तक सिर्फ नूतन सुभाष स्कूल का प्रस्ताव बन पाया है। वहीं, टीटी नगर दशहरा मैदान के पास कस्तूरबा स्कूल का भवन 4 साल पहले तोड़ा गया था। इसके बदले स्मार्ट सिटी के द्वारा शेड बनाकर दिया गया। तब से इस अस्थाई भवन में यह स्कूल चल रहा है। इसमें करीब चार सौ विद्यार्थी हैं। इसे भवन निर्माण के लिए अब तक जगह नहीं मिल सकी है।
DEO बोले… नए भवन बनवाने का स्थानीय विधायक ने दिया भरोसा भोपाल DEO नरेंद्र अहिरवार ने बताया कि इस स्कूल के नए भवन के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। स्थानीय विधायक ने भी स्कूल के लिए नए भवन का निर्माण कराने की बात कही है। इस मामले में जल्द ठोस कदम उठाए जाएंगे।
80 बच्चों ने छोड़ा स्कूल कस्तूरबा स्कूल सिर्फ बालिकाओं के लिए है। इससे कुछ ही दूर टीटी नगर में ही सीएम राइज कमला नेहरू स्कूल है। यह भी सिर्फ बालिकाओं के लिए हैं। ऐसे में यहां की अव्यवस्थाओं से परेशान हो कर 80 से ज्यादा बच्चों को उनके अभिभावकों ने कस्तूरबा स्कूल से निकाल लिया है। पिछले साल इस स्कूल में 498 छात्राएं थी, अब यह संख्या घट कर 415 के करीब आ गई है। बीते 3 सालों में इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
इधर, कमला नेहरू में 500 नए एडमिशन कमला नेहरू सीएम राइज स्कूल का 34 करोड़ से नया भवन तैयार किया जा रहा है। जिसका काम लगभग पूरा हो गया है। भवन देखने में काफी आकर्षक है, यही वजह है कि आसपास के एरिया के कई बच्चों ने इस स्कूल में एमिशन लिया है। स्कूल की हेड मास्टर शिवानी शर्मा ने बताया कि पिछले साल करीब एक हजार बालिकाएं स्कूल में थी। यह संख्या इस साल बढ़ कर 15 सौ से अधिक हो गई है। अभी नया भवन मिला नहीं है। लेकिन, उम्मीद है कि डेढ़ से दो माह में स्कूल को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। स्कूल में गर्मियों की छुट्टी के बाद पहले दिन 68 फीसदी स्टूडेंट्स आए। यह एक अच्छा आंकड़ा है।
राजधानी के सीएम राइज स्कूल
- शासकीय बालक उमावि बैरसिया
- शासकीय हाईस्कूल बर्रई
- कमला नेहरू शासकीय कन्या उमावि
- शासकीय कन्या उमावि गोविंदपुरा
- महात्मा गांधी शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल
- शासकीय उमावि निशातपुरा
- शासकीय उमावि बरखेड़ी रसीदिया स्कूल