राम मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना आज पूजा के बाद की गई।
अयोध्या में सोमवार सुबह राम मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना की गई। कलश की पहले पूजा की गई। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ इसे मुख्य शिखर पर रखा गया। परकोटे और सप्त ऋषि मंदिरों की मूर्तियां आज जयपुर से अयोध्या पहुंच सकती हैं।
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राम मंदिर परिसर में लगने वाली सभी मूर्तियां 30 अप्रैल तक मंदिरों में रख दी जाएंगी। राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 4km लंबी दीवार बनाने का काम शुरू होगा। डेढ़ साल में ये दीवार बनकर तैयार होगी। राम मंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ये जानकारी दी।
टॉप-स्लीविंग क्रेन की मदद से कलश को मंदिर के शिखर पर स्थापित किया गया।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- इंजीनियर इंडिया लिमिटेड राम मंदिर की सुरक्षा दीवार बनाएगी। दीवार की ऊंचाई और मोटाई कितनी होगी, इस पर फैसला लिया जा रहा है। मिट्टी की जांच के बाद निर्माण शुरू किया जाएगा। वहीं, यात्री सुविधा केंद्र की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
10 एकड़ भूमि पर शू रैक बनेगा राम मंदिर परिसर में ही 10 एकड़ भूमि में शू रैक बनेगा। जिसमें लगभग 62 काउंटर समान रखने के लिए होंगे। 10 एकड़ में ही साधना स्थल बनाया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु पूजा-पाठ कर सकेंगे। कुबेर टीला और साधना स्थल तक हरियाली होगी।

कलश की पहले पूजा की गई। फिर मंत्रोच्चार के साथ इसे स्थापित किया गया।
जन्मभूमि की मिट्टी पूजनीय है राम जन्मभूमि परिसर की मिट्टी राम भक्तों में वितरित किए जाने की चर्चा पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। साधना स्थल और पार्क को समतल करने में मिट्टी की जरूरत पड़ेगी।
निर्माण काम की खोदाई में जो मिट्टी निकल रही, वह बाहर नहीं जाएगी। हमारी उद्देश्य राम भक्तों की आस्था को किसी भी तरह से ठेस पहुंचाना नहीं है। ये मिट्टी पूजनीय है। इसीलिए मिट्टी का परिसर में ही प्रयोग किया जाएगा।

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा-जन्मभूमि की मिट्टी बाहर नहीं जाएगी।
शिखर पर ध्वज दंड 15 मई तक लग जाएगा नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- 15 मई तक राम मंदिर का निर्माण काम पूरा हो जाएगा। शिखर पर ध्वज दंड लगा दिया जाएगा। आकाशीय बिजली से बचाने के लिए लाइटनिंग रॉड और हवाई जहाज के लिए एविएशन लाइट लग कर तैयार हो जाएगी। शिखर का निर्माण आखिरी चरण पर है।
बैठक के पहले दिन क्या निर्णय हुआ, आगे जानिए…

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- फर्स्ट फ्लोर पर रामदरबार का गर्भगृह होगा
मंदिर में शिव की पूजा करते राम की मूर्ति लगेगी निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया था- पुणे के मशहूर चित्रकार पद्मभूषण वासुदेव कामत भी शनिवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने भी हम लोगों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। फर्स्ट फ्लोर पर रामदरबार का गर्भगृह होगा। तो इसके ऊपर यानी सेकेंड फ्लोर पर रामेश्वरम में भगवान राम की शिव की पूजा करते हुए मूर्ति स्थापित की जाएगी। ये मूर्ति लगभग बनकर तैयार है।
चित्रकार वासुदेव कामत ने इसका परीक्षण किया है। इसे लगाने के लिए वासुदेव कामत ने स्वीकृति दे दी है। परकोटा में बनाए गए म्यूरल आर्ट का भी वासुदेव कामत ने निरीक्षण किया।
चित्रकार वासुदेव कामद ने रामलला के 5 साल के स्वरूप का चित्र बनाया था, जो राम मंदिर में स्थापित रामलला की मूर्ति के लिए आधार था। उन्होंने इस चित्र को क्ले में तैयार किया था, जिसे बाद में पत्थर में तराशकर रामलला की मूर्ति बनाई गई है।

दर्शन मार्ग पर कैनोपी बनाई गई है, इससे श्रद्धालु धूप और बारिश में राहत महसूस कर सकते हैं।
500 वर्षों का संघर्ष बताती पीतल की प्लेट अलग शिफ्ट की नृपेंद्र मिश्रा ने बताया- 500 वर्षों के मंदिर के इतिहास को पीतल की प्लेट पर उकेरा गया है। पहले इसे राम मंदिर के पूर्वी प्रवेश द्वार पर लगाया गया था, जहां पर श्रद्धालुओं को पढ़ने में दिक्कत हो रही थी। यहां रुकने नहीं दिया जाता है। इसलिए अब यात्री सुविधा केंद्र पर इस प्लेट को लगा दिया गया है।
राम मंदिर में की जाने वाली लाइटिंग को लेकर उन्होंने कहा कि मंदिर को भव्यता और उसकी आभा को बढ़ाते हुए लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। इस तरीके की लाइटिंग नहीं की जाएगी, जिससे कि वह पिकनिक स्पॉट लगे।
राम मंदिर निर्माण के बाद ही यात्री सुविधाओं को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब धूप और बारिश से बचाव के लिए राम मंदिर परिसर में स्थायी कैनोपी लगाई गई है। इसमें एक तरफ लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने राम मंदिर के दर्शन मार्ग पर कैनेपी लगाई तो दूसरी तरफ राजकीय निर्माण निगम की ओर से कैनोपी लगाई जा रही है।

राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर निर्माण कामों को नृपेंद्र मिश्रा ने देखा।
राम मंदिर में 18 मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा जून में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के अलावा 18 और मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा जून में होगी। 3 दिन प्राण प्रतिष्ठा का पूजन समारोह होगा। ये मूर्तियां राजस्थान के जयपुर में बनाई जा रही हैं। आज से मूर्तियों के आने का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के मौके पर सिंहासन पर मूर्तियों को रखा जाएगा। फिर जून में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा।
प्रथम तल पर राम दरबार परकोटा में 6 मूर्तियों सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणपति और हनुमान जी की स्थापना होनी है। शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति की स्थापना होगी। सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषाद राज, शबरी, अहिल्या मूर्ति की स्थापना होगी। मूर्तियों का श्रृंगार वस्त्र और आभूषण यह सब तैयार हो रहा है।

राम जन्मभूमि में अन्य मंदिरों के साथ परकोटे का भी निर्माण काम चल रहा है।
फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार का दर्शन होगा राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की स्थापना के लिए सफेद संगमरमर का सिंहासन बनाया गया है। यहां प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम दरबार का दर्शन कर सकेंगे। ग्राउंड फ्लोर की ही तरह फर्स्ट फ्लोर पर भी सिंहासन बनाया गया है। गर्भगृह में भव्य नक्काशी की गई है। सामने मंडपम बनाया गया है। इसके खंभों में भी नक्काशी की गई है, जो कि जयपुर के पिंक सैंड स्टोन से बनाया गया है। इसके ऊपर सेकेंड फ्लोर पर भी गर्भगृह बनाया गया है। इसमें प्रभु राम, शिव की पूजा करते दर्शन देंगे।

ये रामदरबार का सिंहासन है, जो सफेद संगमरमर से बनाया गया है। पूरे गर्भगृह में भव्य और बारीक नक्काशी की गई है।
साढ़े चार फीट ऊंची होगी राम-सीता की मूर्ति फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार में राम और सीता के विग्रह की ऊंचाई साढ़े चार फीट है, जबकि तीनों भाइयों की मूर्ति की ऊंचाई साढ़े तीन फीट है। हनुमान जी सीताराम के चरणों में विराजमान होंगे। बैठी हुई मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति की ऊंचाई डेढ़ से दो फीट होगी।
70 एकड़ परिसर में कुल 18 मंदिर राम मंदिर के 70 एकड़ परिसर में कुल 18 मंदिरों का निर्माण काम चल रहा है। ये मंदिर हैं परकोटा के देवी-देवताओं के 6 मंदिर, सप्त मंडल के ऋषियों-मुनियों के 7 मंदिर, मुख्य रामलला का मंदिर के भूतल, प्रथम तल और राम दरबार मंदिर के अलावा शेषावतार मंदिर, कुबरेश्वर महादेव का मंदिर व गोस्वामी तुलसीदास का मंदिर। राम मंदिर के परकोटा में कांस्य के 90 भित्तिचित्र लगने हैं। इसमें 11 भित्तिचित्र बनकर तैयार हैं।
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राम मंदिर की सुरक्षा को चैलेंज किया, मेल कर नुकसान पहुंचाने की धमकी दी; गश्त बढ़ाई गई

अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा को चैलेंज किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को एक संदिग्ध ईमेल आया है। मंदिर की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई है। शुरुआती जांच में सामने आया कि ईमेल तमिलनाडु से भेजा गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- यह ईमेल रविवार आधी रात बाद न्यास को मिला है।
अब जिले की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां गंभीरता से जांच कर रही हैं। जन्मभूमि परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ा दी गई है। फिलहाल इस पर मंदिर न्यास या किसी सुरक्षा एजेंसी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पढ़ें पूरी खबर…