यूपी एसटीएफ के अधिकारी म्यांमार से आए 540 में यूपी के 64 लोगों से पूछताछ के बाद निगरानी कर रही है।
लखनऊ में म्यांमार-थाइलैंड ले जाने वाले एजेंट के खिलाफ एक पीड़ित की तरफ से मदेयगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। यूपी एसटीएफ के साथ खुफिया यूपी आने वाले सभी बंधकों के विषय में जानकारी जुटाने के साथ नजर बनाए हुए है। दैनिक भास्कर की टीम ने जब इनके विषय म
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ठगी के लिए दिए जाते थे मोबाइल नंबर और स्क्रिप्ट
हम पीड़ित है, लेकिन लोग साइबर ठगी के दाग के चलते मुंह छिपाना पड़ रहा है-पीड़ित।
म्यांमार से छूट कर आए पीड़ितों ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान कोई भी विरोध करने पर मारपीट के साथ ही सोने नहीं दिया जाता था। चाइना और पाकिस्तान हैकर ऑनलाइन ट्रेनिंग देते थे। वहीं ट्रेनिंग के दौरान कम्बोडिया में बैठा सरगना सीसीटीवी से मानीटरिंग करता था। वह लोग कभी सामने नहीं आते थे। बिग बॉस की तरह उनकी सिर्फ आवाज सुनाई देती थी, जिसमें वह किसी को गलती करने पर सजा और अच्छा काम करने पर कुछ इनाम की घोषणा करते थे।
विरोध करने पर बाल नोचते, हंगामा पर नाखून

पुलिस की पूछताछ में छूटकर आए लोगों ने खोले साइबर ठगी के राज।
खदरा के रहने वाले सुल्तान ने पुलिस को बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 18 घंटे तक काम कराया गया। विरोध करने या ट्रेनिंग में लापरवाही करने वालों के बाल नोचे जाते थे। वहीं हंगामा करने पर नाखून नोचे जाते थे। यहां तक दो से तीन बार टॉयलेट जाने पर पानी देना बंद कर देते और गुप्तांग उखाड़ने की धमकी देते।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद मिलता था ठगी का टारगेट

साइबर ठगों का गैंग एक-स्थान से दूसरे स्थान करता रहता था शिफ्ट।
पीड़ित आकिब ने पुलिस को बताया कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनको एक हाल में चल रहे कॉल सेंटर में ले जाया जाता। जहां सभी को लैपटॉप, हेड फोन और टारगेट की लिस्ट दी जाती थी। जिसमें यूएई और इंडियन लोगों के नंबर होते थे। जिसने एक साफ्टवेयर की मदद से महिलाओं की आवाज में बात करके उनका बैंक का डेटा जुटाना होता था। हमको क्या बोलना होता था, इसकी स्क्रिप्ट लिखकर दी जाती थी। डेटा एकत्र होने के बाद कंबोडिया और चाइना में बैठे सरगना के माध्यम से दूसरे लोगों को भेजा जाता था।
आवाज के साथ नाम और फोटो भी लड़कियों की लगाते थे

टारगेट पूरा न होने पर दी जाती थी सजा।
वाराणसी के आकिब और औरेया के अतुल यादव ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों का सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स पर युवतियों के नाम पर बनाते थे। जिसमें सुंदर फोटो लगाने के साथ नंबर भी देते थे। फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के बाद युवतियों की आवाज में (साफ्टवेयर की मदद से) बात कर फंसाते थे।
11 महीने तक सूरज देखने को तरस गए

पुलिस टीम ने सभी के विषय में जानकारी लेकर घर वालों के सुपुर्द कर दिया।
म्यांमार के माईशॉट सिटी में बंधक बनाए लोगों की कहाना लगभग एक जैसी है। कोई 11 महीने तो कोई आठ से छह माह तक एक बिल्डिंग में बंद थे। उन्हें गेट के बाहर जाना तो दूर, छत पर तक नहीं जाने दिया जाता था। खुले आसमान के नीचे से सूरज और चांद की रोशनी तक देखने को नसीब नहीं होती थी। कोई बाहर निकलने की कोशिश भी नहीं कर सकता था, क्योंकि सबको बता था कि इसकी सजा ऐसी होगी कि जीवन नरक बन जाएगा।
पासपोर्ट से लेकर डिग्री तक थी जब्त पीड़ितों के मुताबिक वह लोग चाह कर भी नहीं आ सकते थे। उनके पासपोर्ट से लेकर डिग्री तक जब्त की जा चुकी थी। उन्हें वापस पाने के लिए 4000 यूएस डालर देने की शर्त रखी गई थी। जो हम सबके लिए देना सपना था। इसके चलते ही कोई भी उनके चंगुल से छूटकर नहीं आ पाया। सेना के रेस्क्यू के बाद सभी को पासपोर्ट और डिग्री मिली। उनको म्यांमार सेना के कैंप में दो दिन रखने के बाद भारत भेजा गया। यह हम लोगों के लिए एक सपने जैसा था।
म्यांमार से आए 540 में 64 यूपी के युवा साइबर अपराधियों के चंगुल से छूटे 540 युवाओं में 64 लोग यूपी के थे। जिसमें से 21 लोग लखनऊ और आसपास के जिलों के हैं। जिनसे मंगलवार रात को पुलिस लाइन में पूछताछ के बाद घर भेजा गया।
म्यांमार से रेस्क्यू कर इन्हें लगाया गया
- तौसीफ पुत्र मौहम्मद सबीर निवासी आलमबाग
- सादिक मिर्जा पुत्र मिराज मिर्जा निवासी- एफ ब्लाक राजाजीपुरम, आलमनगर स्टेशन
- मौहम्मद अनस पुत्र मौहम्मद सलीम निवासी-465/517, न्यू रहमतनगर, दौलतगंज रोड, हुसैनाबाद चौक
- सुल्तान सलाउद्दीन रब्बानी पुत्र इदरीश अहमद निवासी खदरा मदेयगंज
- सोनू मौर्या पुत्र कोकिल प्रसाद मौर्या निवासी देवकी नगर पोस्ट दुर्जनपुर, वजीरगंज गोण्डा
- जिया उल हक पुत्र जियाउर रहमान निवासी ग्राम रसड़ा, बलिया
- आकिब अहमद खान पुत्र महफूज्जुर रहमान, निवासी-प्लाट नंबर-219/1 नार्थ, थाना करमता वाराणसी
- अतुल यादव पुत्र जितेन्द्र सिंह, निवासी- वार्ड नंबर 4, अम्बेडकर नगर, थाना दिव्यापुर औरैया
- अल्फेजअली पुत्र इम्तियाज अली, निवासी-करमोनी डी, कुशीनगर
- नवाज अहमद पुत्र शमशाद अहमद, निवासी-भिकईपुर, थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर
- शाहजहां खां पुत्र काजिम खान निवासी-द्वितीय-16, निरीक्षण भवन चौराहा, रेनुकोट सोनभद्र
- सत्यम यादव पुत्र सुनील यादव निवासी-लखेसर शाहपुर थाना सिकरारा, तहसील मछलीशहर जौनपुर
- अभिमन्यु सिंह पुत्र जगदम्बा सिंह निवासी ग्राम मिजरिया, पोस्ट मनकापुर, जनपद गोंडा
- चिरन्जीवी पाण्डेय पुत्र अरुण कुमार पाण्डेय निवासी-वार्ड नंबर-12, सिद्धार्थनगर जनपद महाराजगंज
- योगेन्द्र गोतम पुत्र सालिक राम निवासी-गोगोरी कुण्डा, प्रतापगढ
- अभिनन्दन गुप्ता पुत्र केदारनाथ गुप्ता निवासी-ग्राम जंगल, एकला नंबर दो गोरखपुर
- अभिषेक चौहान पुत्र ओमप्रकाश निवासी बैजनाथ पुर महराजगंज
- फिरोज आलम पुत्र मो. असलम निवासी- कमैनी डीह, पोस्ट चन्द्रौरा थाना पटहरवा कुशीनगर
- अबरार अली पुत्र मो. राहिद निवासी गोरखपुर
- सुशील चौधरी पुत्र रामदयाल निवासी ग्राम अगिया, पोस्ट लक्षमीपुर शिवाला थाना आनन्द, मऊ
- सुनील कुमार पुत्र जनार्दन प्रसाद निवासी ग्राम जलालपुर, नबाबगंज गोंडा