Sunday, June 15, 2025
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सहारनपुर में फर्जी कागजों जमीन कब्जाने का आरोप: किसान बोला-आरोपियों ने जान से मारने के लिए की फायरिंग, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज – Saharanpur News



सहारनपुर में किसान की शिकायत पर कोर्ट के आदेश पर फर्जी रजिस्ट्री और जमीन कब्जाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता का आरोप है कि उसकी जमीन को लेकर हाईकोर्ट ने 2019 को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। आरोप है कि इसके बाद भी आरोपियों ने साजिश

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थाना बड़गांव क्षेत्र के गांव अंबेहटा चांद निवासी सुभाष पुत्र शंभू सिंह ने बताया कि उसकी कृषि भूमि खसरा नंबर 682 गांव मिर्जापुर के रहने वाले की भूमि खसरा नंबर 659 से सटी हुई है। इस जमीन को लेकर हाई कोर्ट ने 6 दिसंबर 2019 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी आरोपियों ने फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करा ली और कब्जाने का प्रयास किया।

आरोप है कि आरोपी सागर, आदित्य, देवेंद्र, ओमवती, रोनी, बबिता, सोनिया, प्रीति, आशीष और दिनेश ने जमीन कब्जाने की साजिश रची। दो अलग-अलग तारीख 17 फरवरी और 20 फरवरी 2024 को उप निबंधक कार्यालय में फर्जी कागजातों के आधार पर रजिस्ट्री करा ली, जबकि खसरा नंबर 659 पर पहले से स्टे था।

पीड़ित का आरोप है कि जब उसने इस अवैध रजिस्ट्री पर आपत्ति जताई और मौके पर भराई व निर्माण कार्य रोकने की कोशिश की, तो आरोपी बौखला गए। 15 अगस्त 2024 को सुबह करीब 11 बजे आरोपियों ने हथियारों से उस पर हमला कर दिया। आरोपी बबिता के बेटे गौरव ने लाइसेंसी रायफल से हमला किया। जबकि दिनेश व अनुज के साथ पीड़ित के खेत में आया।

आरोप है कि रायफल की बट से हमला करने का प्रयास किया गया, जिससे डरकर प्रार्थी और उसका भतीजा रविंद्र घर की ओर भागे। आरोप है कि आरोपियों ने उनके पीछे-पीछे घर में घुस आए और गौरव ने जान से मारने की नीयत से फायर भी किया, जिससे प्रार्थी का भतीजा बाल-बाल बच गया। साथ ही अन्य आरोपियों ने मारपीट भी की और जाते समय रायफल लहराते हुए जान से मारने की धमकी दी।

शोर-शराबा सुनकर मौके पर पहुंचे गवाहों सतीश आदि ने प्रार्थी और उसके भतीजे को बचाया। इस घटना से भयभीत प्रार्थी ने थाना बड़गांव में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने 17 अगस्त 2024 को एसएसपी में न्याय की गुहार लगाई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। देवबंद कोर्ट ने 8 अप्रैल 2025 को आरोपियों के खिलाफ वाद दायर किया। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।



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