सिरसा जिले के रानियां में चौधरी देवीलाल ओटू वीयर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को प्रशासन ने एक घंटे के भीतर दो विरोधाभासी आदेश जारी किए। दोपहर साढ़े 12 बजे उपमंडल अभियंता रघुवीर शर्मा ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हैड के सभी गेट बंद करवा
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7 अप्रैल को बिना सूचना छोड़ा पानी
7 अप्रैल को बिना किसी पूर्व सूचना के ओटू हैड में जमा बरसाती पानी को राजस्थान की ओर छोड़ दिया गया था। इस कार्रवाई से प्रभावित किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मामला मीडिया में आने के बाद जिला उपायुक्त के संज्ञान में आया। जिला उपायुक्त ने गंभीरता से लेते हुए अधीक्षक अभियंता पवन भारद्वाज को कड़े निर्देश जारी किए।
कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
अधिकारियों की इस तरह की कार्यप्रणाली से कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो गई है। स्थानीय मछली पालकों को इस स्थिति से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। मामले की सूचना मिलते ही किसान नेता लखविंदर सिंह ओटू हैड पर पहुंचे तथा प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि हैड में जमा पानी को राजस्थान की ओर बेकार में जाने की बजाय पैरलल नहरों में छोड़ा जाए, ताकि किसान इस पानी का सदुपयोग कर सके।
देर शाम तक विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उपरी हिस्से में बांध लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू
हैड के उपरी हिस्से में बांध लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जोकि पूरा होने में लंबा समय लगेगा तब तक काफी पानी बेकार बह जाएगा और किसानों को बिजाई से वंचित रहना पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि ओटू हैड के गेटों को खोलने और बंद करने की नौटंकी किसके इशारे पर हो रही है। मामले में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वही मछली पलक भी भारी नुकसान का शिकार हो रहे हैं।
बिजाई से वंचित हुआ इलाका
चौधरी देवीलाल ओटू वीयर से निकलने वाली कई नहरों के पानी से ओटू चक साहिब फिरोजाबाद रानियां नानुआना मंगालिया चकराईयां धोतड़ खारियां भूना चक्का घोड़ांवाली गिंदड़ा नाईवाल फतेहपुरिया महमदपुरिया, सुल्तानपुरियां व ऐलनाबाद का काफी इलाका है, जहां पर फल्डी नहर के पानी से सिंचाई होती है। इस समय भाखड़ा नहर में लंबे समय की बंदी है तथा पानी का भारी अभाव चल रहा है।
नहरी पानी की कमी के कारण नरमा व कपास की बिजाई प्रभावित हो रही है।
दो दर्जन गांवों की हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई
घग्गर नदी के पानी से दो दर्जन भर गांवों की हजारों एकड़ भूमि सिंचित होती है । 7 अप्रैल को ओटू हैड में खड़ा पानी अचानक राजस्थान की ओर निकाल दिया है। जिसके कारण रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल बीजीएमस व नाईवाल फल्डी नहरों में पानी समाप्त हो गया है।
मछली पालकों को नुकसान
ओटू में निर्मित हैचरी फॉर्म बुरी तरह प्रभावित हुआ है तथा यहां पर चल रहा मच्छी पालन का कार्य भी समाप्त होने के कगार पर है। मछली पालन कर रहे मनोहर लाल ने बताया कि उन्होंने इस हैड पर मछली पालन का ठेका 70 लाख रुपए में लिया हुआ है। 15 दिन पूर्व मछली पालन करने वालों को किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई और अचानक ओटू हैड के गेट खोल दिए गए और सारा पानी राजस्थान की ओर बह गया।
उनकी पाली हुई मछलियां व लाखों रुपए का सामान बह गया।
3 करोड़ के टेंडर को लेकर मामला संदेहजनक
ओटू हेड के डाउन में 3 करोड़ की राशि का टेंडर किया गया है। इस कार्य की निगरानी के लिए अलग से उपमंडल अभियंता वह कनिष्ठ अभियंता लगाए गए हैं, जबकि यहां पर दो अधिकारी पहले से ही तैनात हैं, उन्हें इस कार्य से दूर रखा गया है, जो कि मामला संदेह के दायरे में आता हैं।
किसानों तक पानी पहुंचाने की कोशिश
इस बारे में विभाग के अधीक्षक अभियंता पवन भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने सभी गेट बंद करने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन किसके आदेशों पर खुलवाए गए हैं, मामले पर संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पानी को किसानों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।