सीधी जिले की सेमरिया ग्राम पंचायत में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। करीब 3800 की आबादी वाले इस गांव में एक करोड़ 30 लाख रुपए की नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी तो बन गई, लेकिन वह महज शोपीस बनकर रह गई है।
.
गांव के चार हैंडपंप पूरी तरह सूख चुके हैं। बाकी हैंडपंप भी जवाब देने लगे हैं। जल स्तर गिरने से लोगों को आरओ का पानी खरीदना पड़ रहा है। गरीब लोगों को पानी के लिए आधा किलोमीटर से ज्यादा दूर जाना पड़ता है।
पूर्व जनपद उपाध्यक्ष प्रभात वर्मा ने कई बार शिकायत की। उन्होंने 181 सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उन्हें शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। नल-जल योजना के लिए सड़कें तोड़ी गईं। न तो पानी पहुंचा और न ही सड़कें बनीं। इससे दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।
पूर्व उपसरपंच कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि पीएचई विभाग, सरपंच और योजना अधिकारी कोई भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। एसडीएम नीलेश शर्मा ने कहा है कि वे मामले की जांच करवाकर समाधान निकालेंगे।
ग्रामीणों को अब प्रशासन से उम्मीद नहीं है। वे अपने अधिकारों की लड़ाई से ही पानी की एक बूंद पाने की आस लगाए बैठे हैं।
