Wednesday, June 18, 2025
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हमले से पहले पहलगाम में तैनात था CRPF जवान मोतीराम: कल NIA ने गिरफ्तार किया, पैसों के बदले खुफिया जानकारी पाकिस्तान को देने का आरोप


नई दिल्ली8 मिनट पहले

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सूत्रों के मुताबिक सोमवार को गिरफ्तार सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) का जवान मोतीराम जाट की तैनाती पहलगाम में थी। आतंकी हमले से ठीक छह दिन पहले पहलगाम से उसका ट्रांसफर किया गया था।

जानकारी के अनुसार मोतीराम CRPF की 116वीं बटालियन में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के पद पर तैनात था। उसे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

ASI पर पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को भारत की संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है। NIA के मुताबिक, ASI 2023 से पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी डिटेल शेयर कर रहा था।

इसके लिए उसे अलग-अलग तरीकों से पैसे भी मिल रहे थे। पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के बाद उसे 6 जून तक NIA की कस्टडी में भेजा गया है।

इससे पहले गुजरात एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने 24 मई को कच्छ से एक शख्स सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया था। गोहिल BSF-NAVY की मौजूदा आर्मी यूनिट्स की फोटो-वीडियो वॉट्सऐप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट को भेजा करता था।

सहदेव कच्छ के लखपत तालुका में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था। इससे पहले 15 मई को हरियाणा के हिसार से यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

वॉट्सऐप के जरिए गुजरात को सहदेव पाकिस्तान भेजता था जानकारी

सहदेव सिंह गोहिल को गुजरात ATS ने 24 मई को गिरफ्तार किया था।

सहदेव सिंह गोहिल को गुजरात ATS ने 24 मई को गिरफ्तार किया था।

ATS के मुताबिक, जून 2023 में एक महिला ने खुद को अदिति भारद्वाज बताकर गोहिल से वॉट्सऐप पर संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि गोहिल को पहली बार संवेदनशील सूचनाएं भेजने पर 40 हजार रुपए कैश मिले थे।

जांच अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में महिला ने गोहिल से गलत नाम बताकर बातचीत शुरू की थी। जब दोनों के बीच भरोसा बन गया तो उसने गोहिल को अपने इरादे साफ कर दिए थे। उसने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की योजना बताई।

सहदेव सिंह भी पैसों के लालच में आकर इसमें शामिल हो गया था। पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी हमेशा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तानी एजेंटों के पास भारतीय लोगों का डाटाबेस और फोन नंबर हैं, जिन पर ये एजेंट संदेशों की बौछार करते हैं।

खासतौर पर सरकारी ठेकों पर काम करने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी किसी तरह सरकारी ठेकों पर काम करने वाले लोगों का डेटा हासिल कर लेती है। फिर अलग-अलग तरीकों से उन्हें फंसाने का जाल बिछाया जाता है।

गोहिल के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि जिन दो नंबरों से गोहिल जानकारी भेजता था वे अब पाकिस्तान से भी ऑपरेट हो रहे हैं। गोहिल ने जनवरी, 2024 में अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक नया सिम कार्ड लिया और उसका ओटीपी पाकिस्तानी एजेंट को भेज दिया। इससे वह एजेंट पाकिस्तान से उस नंबर पर वॉट्सऐप चला सके।

गोहिल से पहले ATS ने 7 जुलाई 2023 को भी कच्छ के अन्य एक युवक को अदिति नाम की लड़की के लिए ही जासूसी करने के आरोप गिरफ्तार किया था।

हरियाणा के हिसार से पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर गिरफ्तार

हरियाणा के हिसार से 15 मई को यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था।

हरियाणा के हिसार से 15 मई को यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था।

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में 15 मई हरियाणा के हिसार से यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था। 21 मई को उसे 26 मई तक की रिमांड में भेजा गया था।

3 राज्यों की पुलिस ज्योति से पूछताछ कर चुकी है, जबकि 12 राज्यों की पुलिस भी हिसार पुलिस से संपर्क कर पूछताछ की बात कह रही है। हिसार पुलिस की इकोनॉमिक सेल भी ज्योति से 2 दिन पूछताछ कर चुकी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप का डेटा रिकवर हो गया है। इस डेटा से पुलिस को कुछ संदिग्ध चीजें मिली हैं, जिन्हें जांच में शामिल किया जा रहा है। अभी और डेटा मिलना बाकी है।

जांच एजेंसियों को शक है कि ज्योति ने अपने मोबाइल से जो डेटा डिलीट किया, उसमें दो तरह की चीजें हो सकती हैं। पहली, ISI के एजेंट्स से चैटिंग। इससे पहले ज्योति के ISI एजेंट अली हसन से चैटिंग का कुछ हिस्सा सामने आ चुका है।

वहीं, दूसरा शक यह है कि उसने ट्रैवलिंग के दौरान कई ऐसे वीडियो शूट किए, जो सिर्फ ISI एजेंट्स को देने के लिए थे। उन्हें भेजने के बाद ज्योति ने उन्हें डिलीट कर दिया। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

हिसार के SP शशांक कुमार सावन कह चुके हैं कि ज्योति के आतंकवादियों से सीधे संपर्क नहीं मिले हैं। इतना जरूर है कि वह पाक ऑपरेटिव के टच में थी, जिसकी जांच की जा रही है।

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