रेलवे ने 40 घंटे का लिया मेगा ब्लॉक, 500 से अधिक कर्मचारी कर रहे काम।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर-झारसुगुड़ा रूट पर रायगढ़ स्टेशन के पास केलो ब्रिज 110 वर्ष पुरानी स्टील गर्डर को रिप्लेशमेंट किया जा रहा है। यह कार्य मंगलवार से शुरू हो गया है। 23 अप्रैल तक युद्धस्तर इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे ने इसे ऐति
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रेलवे प्रशासन का कहना है कि गर्डर रिप्लेशमेंट कार्य रेलवे की संरचनात्मक मजबूती और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इस तरह के काम बहुत जटिल होते हैं, जिनमें उच्च तकनीकी विशेषज्ञता, समन्वय और अत्याधुनिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।
110 साल पुरानी ब्रिज पर गर्डर रिप्लेसमेंट का चल रहा है काम।
500 से अधिक स्टाफ 24 घंटे कर रहे काम रेलवे प्रशासन ने बताया कि केलो ब्रिज रिप्लेसमेंट में 140 टन की चार हाई कैपेसिटी क्रेन का उपयोग किया जा रहा है, जबकि बड़ी संख्या में रेलवे अधिकारी, इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और श्रमिक चौबीसों घंटे काम में जुटे हुए हैं। इस कार्य को कोतरलिया स्टेशन पर चल रहे नान इंटरलाकिंग कार्य के साथ समन्वय स्थापित कर सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। करीब 500 से अधिक रेलकर्मी इस महत्त्वपूर्ण बदलाव को संभव बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। रेलवे प्रशासन का यह प्रयास एक दूरदर्शी पहल है, जो इस क्षेत्र के नागरिकों को संरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक रेल सेवा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। नवीन संरचना, नए विश्वास की भावना के साथ यह कार्य रेल विकास की नई दिशा की ओर एक सशक्त कदम है।
हटेगा 45 किमी गति का प्रतिबंध दरअसल, 110 साल पुरानी ब्रिज कमजोर होने के कारण रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी है। निर्देश के अनुसार इस ब्रिज पर 45 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ही गाड़ी चलाई जा सकती है। ब्रिज प्रतिस्थापन कार्य पूर्ण होने के बाद इस रेलखंड पर वर्तमान में लागू 45 किमी/घंटा की स्थाई गति प्रतिबंध हटा लिया जाएगा, जिससे न केवल ट्रेन परिचालन की गति और समयबद्धता में सुधार होगा, बल्कि संरक्षा मानकों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर काम के चलते कैंसिल हैं ट्रेनें बिलासपुर-झारसुगड़ा रूट पर चौथी लाइन के साथ ही इस काम के चलते रेलवे ने छत्तीसगढ़ से होकर चलने वाली 36 ट्रेनों को कैंसिल किया है। हावड़ा रूट की ये गाड़ियां 11 से 24 अप्रैल तक नहीं चल रही है। वहीं, 44 दिनों तक 4 ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है। जबकि, 3 ट्रेनें आधे रास्ते में ही समाप्त कर दी गई है। इस काम के चलते एमपी, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और बिहार जाने वाले यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई है।
36 ट्रेनों के 206 फेरे रद्द किए गए इस काम के चलते रेलवे ने 36 ट्रेनों के 206 फेरे रद्द किए हैं। 4 ट्रेनें 44 दिन तक बदले हुए मार्ग से चलाई जा रही है। 3 ट्रेनों को 45 दिन तक आधे रास्ते ही चलाई जा रही है। वहीं, हावड़ा-मुंबई-हावड़ा मेल 14-14 दिन और मुंबई-हावड़ा-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस 8-8 दिन डायवर्टेड रूट से चल रही है। इसी तरह बिलासपुर-झारसुगुड़ा-बिलासपुर के बीच 45 दिन तक जेडी ट्रेन आधे रास्ते ही चल रही है। हजरत निजामुद्दीन-रायगढ़-निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस 10-10 दिन आधे रास्ते रद्द है।