मुंबई1 मिनट पहले
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कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी को रिलीज होने की मंजूरी मिल सकती है अगर मेकर्स सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए कट्स फिल्म में लगा दें। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने गुरुवार 26 सितंबर को ये बात बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कही है।
CBFC ने कोर्ट को ये भी बताया कि इमरजेंसी के मेकर्स ने अब तक कट्स नहीं लगाए हैं। वहीं, मेकर्स ने कोर्ट में कहा है कि उन्हें कट्स लगाने के लिए समय चाहिए। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि फिल्म कट्स लगाने के बाद ही रिलीज हो पाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब इस मामले को सोमवार तक के लिए टाल दिया है।
क्या है पूरा मामला?
फिल्म की रिलीज को लेकर याचिका कंगना और जी स्टूडियो ने दायर की थी। उन्होंने आपत्ति जताई थी कि CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फिल्म को पहले सर्टिफिकेट दे दिया था, लेकिन 6 सितंबर को होने वाली रिलीज से 4 दिन पहले इस पर रोक लगा दी। इसके बाद कंगना ने आरोप लगाया था कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा है और फिल्म की रिलीज में देरी कर रहा है।

फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर 14 अगस्त को रिलीज हुआ था।
कंगना रनोट और फिल्ममेकर्स ने याचिका में CBFC पर आरोप लगाया था कि उसने मनमाने ढंग से फिल्म का सर्टिफिकेट रोक रखा है। CBFC ने ई-मेल के जरिए सर्टिफिकेट दे दिया था, हालांकि, रिलीज से महज 4 दिन पहले सर्टिफिकेट की कॉपी देने से मना कर दिया।
इस पर CBFC के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने बताया था कि इमरजेंसी के मेकर्स को सिस्टम जनरेटेड मेल मिला था, लेकिन बाद में आपत्ति होने पर इसे रोक दिया गया था।

फिल्म इमरजेंसी का डायरेक्शन और प्रोडक्शन कंगना ने ही किया है। फिल्म में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है।
कोर्ट ने लगाई थी CBFC को फटकार
4 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जज ने CBFC से जुड़े अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उनसे सवाल किया कि आप सिस्टम जनरेटेड ई-मेल कैसे भेज सकते हैं। क्या मेल भेजने से पहले अधिकारियों ने फिल्म नहीं देखी? क्या सर्टिफिकेट देते हुए अधिकारियों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया?
याचिका में कंगना के प्रोडक्शन हाउस की तरफ से वकील ने कहा- हम फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगे और फिल्म को उसी तरह रिलीज करेंगे, जिस तरह CBFC ने इसे पहले सील किया है।
MP हाईकोर्ट में पहले से यह मामला था
जबलपुर सिख संगत ने फिल्म इमरजेंसी और इसके ट्रेलर पर आपत्ति जताते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इसे बैन करने की मांग की थी। उनका कहना है कि फिल्म के जरिए सिख समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने CBFC को फिल्म को मंजूरी देने से पहले इसकी आपत्तियों पर विचार करने के आदेश दिए थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तुरंत आदेश देने से इनकार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 सितंबर की सुनवाई में कहा था कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट CBFC को पहले ही आदेश दे चुका है, ऐसे में वह अभी इस पर कोई आदेश नहीं दे सकता।
कोर्ट ने मेकर्स से कहा- ‘हम आपके साथ हैं, काश आपने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने भी इसी तरह जोरदार तरीके से तर्क दिया होता, तो ऐसा नहीं हो सकता था कि CBFC के चेयरमैन हस्ताक्षर नहीं करते।
आखिर में कोर्ट ने कहा कि वे मेकर्स की याचिका को खारिज नहीं कर रहे हैं। अगर इसमें एक हफ्ते की देरी होती है तो कोई आसमान नहीं गिरेगा। मेकर्स को पहले ये दलीलें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने रखनी चाहिए थीं।
बता दें कि ट्रेलर रिलीज के बाद से ही फिल्म इमरजेंसी विवादों में है। पंजाब में फिल्म को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। फिल्म के ट्रेलर में खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले को दिखाए जाने के बाद कंगना को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं।