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PM मोदी के रोड-शो में पहुंचा कर्नल सोफिया का परिवार: बहन ने कहा- इतने सालों से दबी हुई महिलाएं आज अपने आप पर बहुत गर्व फील कर रही हैं


वडोदरा4 मिनट पहले

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PM मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर आज वडोदरा पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गुजरात के वडोदरा पहुंचे हैं। PM मोदी ने एयरपोर्ट से एयरफोर्स गेट तक करीब एक किलोमीटर लंबा रोड शो किया। इस रोड शो को सिंदूर सम्मान यात्रा नाम दिया गया है। पीएम मोदी के स्वागत के लिए कर्नल सोफिया का परिवार भी पहुंचा था। इस दौरान भास्कर ने उन्होंने खास बातचीत की।

इस मौके पर कर्नल सोफिया की जुड़वा बहन शायना कुरैशी ने कहा-

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मोदीजी बहुत ईमानदार पीएम हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर किया। वह बहुत सक्सेजफुल रहा। ऑपरेशन मे कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। महिलाओं को उन्होंने ऐसे लेवल पर पहुंचा दिया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। वे हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाते हैं। जो महिलाएं इतने सालों से दबी हुई थीं। आज वे अपने आप पर बहुत गर्व फील कर रही हैं।

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भास्कर रिपोर्टर ने पूछा कि पीएम मोदी ने आपसे क्या कहा- इस पर शायना ने कहा- उन्होंने हमसे नमस्कार किया। लेकिन यहां बहुत शोर था। इसलिए उनसे बात नहीं हो सकी।

कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने कहा-

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मोदीजी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आए हैं। उनसे मिलकर हमें बहुत खुशी हुई। ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा- पीएम मोदी ने जो किया, बहुत अच्छा किया। ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।

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कर्नल सोफिया के भाई मोहम्मद संजय कुरैशी ने कहा-

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हमारी डिफेंस फोर्स और हमारी केंद्र सरकार का ऑपरेशन सिंदूर गर्व करने का पल है। देश के लिए जो किया है, उसकी तारीफ करना मुश्किल है। रोड शो के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा- यह जिंदगी में एक अचीवमेंट जैसा लगा। यह मेरे लिए गर्व का पल था। हमने उनका फूलों से स्वागत किया। उन्होंने कुछ कहा या पूछा था, लेकिन शोर के चलते सुनाई नहीं दिया। मुझे ऐसा लगा, जैसे उन्होंने कहा था- केम छो।

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वडोदरा की रहने वाली हैं कर्नल सोफिया भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की हैं। उनका जन्म वडोदरा में हुआ। उन्होंने जैव रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है। सोफिया के दादा और उनके पिता भी सेना में थे। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरोडा से 1992-1995 और मास्टर ऑफ साइंस और इसके बाद (1995-1997 में) साइंस फैकल्टी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

शांति अभियानों में शामिल रही हैं सोफिया सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला था। 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया था।

वह 2010 से शांति अभियानों में शामिल रही हैं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) से प्रशंसा पत्र भी मिला था। पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (एसओ-इन-सी) से प्रशंसा पत्र भी मिला।

कर्नल सोफिया ने पुणे में आयोजित 18 देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘फोर्स 18’ में भारतीय सेना की 40 सदस्यीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। इतना ही नहीं, वह इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं।

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