नौकरी लगाने का झांसा देकर वसूले 20 लाख रुपए।
बिलासपुर में एक शिक्षा विभाग के कर्मचारी की बेटी को SECL में जॉब दिलाने के नाम पर युवक ने 20 लाख रुपए की ठगी कर ली। आरोपी युवक खुद को डीएसपी बताकर कोल इंडिया में अपनी पहुंच होने का दावा किया। फिर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर पैसे वसूल लिए। ठगी का मामला स
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सिविल लाइन पुलिस के अनुसार एम सिद्दीकी शिक्षा विभाग में क्लर्क हैं। उनकी पोस्टिंग गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के बेलपत स्थित स्कूल में है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी सिविल इंजीनियर हैं। बेटी की नौकरी एसईसीएल में लगवाने के लिए उनसे अफसर खान उर्फ राजा ने मोबाइल पर संपर्क किया था।
शिक्षा विभाग के कर्मचारी को आरोपी युवक ने लगाया चूना।
खुद को DSP बताकर बनाई पहचान एम ए सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि अफसर खान ने खुद को डीएसपी बताया था। जिसके बाद उसने जान-पहचान बना लिया। तीन साल पहले उसने बताया कि कोल इंडिया में उसकी अच्छी जान-पहचान है। वह उनकी बेटी की नौकरी लगा देगा। इसके एवज में तीन साल पहले उसने पैसे लिए। जिसके बाद वह अलग-अलग बहाने से वह पैसे की डिमांड करता रहा।
बेटे का ट्रांसफर कराने वसूले पैसे क्लर्क का बेटा वेटनरी कालेज डूंगरपुर राजस्थान में पढ़ाई कर रहा है। उसका ट्रांसफर दुर्ग के अंजोरा स्थित वेटनरी कालेज में कराने के नाम पर भी रुपयों की मांग की। इस दौरान किश्तों में अफसर खान ने करीब 20 लाख रुपए ले लिए। जब नौकरी के लिए क्लर्क ने दबाव बनाया तो उसने फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे दिया। जब उन्होंने एसईसीएल मुख्यालय में संपर्क किया तो फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर आरोपी युवक अफसर खान को गिरफ्तार कर लिया है।
बहन के अकाउंट में लिए पैसे आरोपी अफसर खान ने क्लर्क को तीन साल तक अपने भरोसे में रखा रहा। इस दौरान उनकी बेटी और बेटे का काम कराने के नाम पर वह पैसे वसूल करता रहा। शातिर अपराधी अफसर खान खुद के अकाउंट में पैसे जमा कराने के बजाए अपनी बहन फैहमीदा खान के बैंक अकाउंट का उपयोग करता था। पुलिस ने जांच के बाद उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज करा दिया है।
कई लोगों को बनाया शिकार, गिरफ्तारी के बाद सामने आएंगे लोग टीआई एसआर साहू ने बताया कि आरोपी अफसर खान और उसका परिवार लंबे समय से इस तरह की ठगी करता रहा है। पूर्व में उसके पिता ने खुद को रेंजर बताकर ठगी की गई थी। आरोपी का कोई स्थाई रोजगार नहीं है। उसकी गिरफ्तारी होने के बाद अन्य लोग भी शिकायत कर सकते हैं। क्योंकि, वह खुद को डीएसपी बताकर लोगों को धौंस दिखाता था, जिसके चलते लोग शिकायत नहीं कर रहे थे।