मुंबई9 मिनट पहले
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एशियन पेंट्स अभी भी भारत की सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट कंपनी है, जिसकी सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी 18.5 लाख किलो लीटर है।
भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को एशियन पेंट के शेयरों से 2200% का मुनाफा हुआ है। 2008 में जब पूरी दुनिया ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस की चपेट में थी तब उन्होंने एशियन पेंट्स की ₹500 करोड़ में 4.9% हिस्सेदारी खरीदी थी।
अब 17 साल बाद इसे ₹9,080 करोड़ के प्रॉफिट में बेचा है। अपनी सहायक कंपनी सिद्धांत कॉमर्शियल्स के जरिए ये हिस्सेदारी बेची है। अगर डिविडेंड को भी जोड़ा जाए, तो ये मुनाफा ₹10,500 करोड़ तक पहुंच जाता है। यानी, रिलायंस को लगभग 24 गुना रिटर्न मिला है।
ICICI प्रूडेंशियल और SBI म्यूचुअल फंड को बेचे शेयर
- कंपनी ने 16 जून को ऐलान किया कि उसने एशियन पेंट्स में अपनी बची-खुची 87 लाख शेयरों की हिस्सेदारी ICICI प्रूडेंशियल लाइफ म्यूचुअल फंड को 1,876 करोड़ रुपए में बेच दी। ये शेयर औसतन 2,207.65 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेचे गए।
- इससे पहले पिछले हफ्ते रिलायंस ने 3.5 करोड़ शेयर SBI म्यूचुअल फंड को 7,704 करोड़ रुपए में बेचे थे, यानी प्रति शेयर 2,201 रुपए। कुल मिलाकर, 2008 में 500 करोड़ रुपए में खरीदी गई 4.9% हिस्सेदारी ने रिलायंस को 9,000 करोड़ रुपए का मुनाफा दिया।
रिलायंस ने ये हिस्सेदारी क्यों बेची है?
एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट कंपनी है, लेकिन पिछले कुछ समय से उसे मार्केट में कड़ी टक्कर मिल रही है। नए खिलाड़ी, खासकर बिर्ला ग्रुप की बिरला ओपस पेंट्स ने एशियन पेंट्स की बादशाहत को चुनौती दी है।
एलारा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, FY25 में एशियन पेंट्स का मार्केट शेयर 59% से घटकर 52% हो गया है। इससे एशियन पेंट्स का स्टॉक पहले जितना तेजी से नहीं बढ़ रहा है। पिछले एक साल में रिलायंस का शेयर 20% से ज्यादा गिर चुका है।
ये मार्केट में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लू-चिप स्टॉक्स में से एक बन गया है। ऐसे में रिलायंस को मुनाफा कमाने का सही समय लगा।
पांच साल पहले भी रिलायंस ने अपनी इस हिस्सेदारी बेचने की सोची थी। तब जियो के भारी-भरकम निवेश के बाद कंपनी कर्ज कम करने की रणनीति पर काम कर रही थी। लेकिन तब डील नहीं हो पाई थी।
भारत की सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट कंपनी है एशियन पेंट
एशियन पेंट्स अभी भी भारत की सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट कंपनी है, जिसकी सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी 18.5 लाख किलो लीटर है। देशभर में 74,129 डीलर्स का नेटवर्क है।
एशियन पेंट्स की शुरुआत 1942 में हुई थी। इसे 4 दोस्त ने पार्टनरशिप में शुरू किया था। 1968 से पेंट मार्केट में इसकी बड़ी हिस्सेदारी रही है।
फिलहाल एशियन पेंट्स 15 देशों में काम करती है। दुनिया भर में इसकी 27 पेंट मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं, जो 60 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट्स बेचती है।