Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. जब भी हम कोई पूजा-पाठ करते हैं, तो दीपक जरूर जलाते हैं. क्योंकि दीपक का प्रकाश नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. अक्षय तृतीया पर दीपक जलाना इसलिए और भी खास हो जाता है, क्योंकि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य, अक्षय फल प्रदान करता है. अक्षय तृतीया की शाम को दीपक कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर होती हैं और तरक्की के रास्ते खुलते हैं और धन की कमी नहीं रहती है. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी.
किस समय जलाएं दीपक?
अक्षय तृतीया के दिन दीपक शाम के समय जलाएं, जब आपके क्षेत्र में अंधेरा होना शुरू हो जाए. जब सूर्यास्त हो रहा हो, वही शाम का उपयुक्त समय है.
अक्षय तृतीया पर दीपक कहां जलाएं?
तुलसी के पास
आपके घर में तुलसी का पौधा है तो उसके पास दीपक जरूर जलाएं. तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. इसलिए इस दिन शाम को तुलसी के सामने एक दीपक जरूर जलाएं.
मुख्य द्वार पर
घर के मुख्य दरवाजे पर दोनों तरफ दीपक जलाएं. कहा जाता है कि इसी मार्ग से वे आपके घर में प्रवेश करती हैं.
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उत्तर दिशा में
यह दिशा धन के देवता कुबेर की मानी जाती है. इस दिशा में दीपक जलाने से आर्थिक समृद्धि और स्थायी सुख का आशीर्वाद मिलता है.
जलस्रोत के पास
आपके घर के पास कोई कुआं, तालाब, बोरवेल या अन्य जलस्रोत हो, तो वहां भी एक दीपक जरूर जलाएं. यह प्रकृति और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है.
पानी रखने की जगह पर दीपक
रसोई में जहां पीने का पानी रखा जाता है, वहां दीपक जरूर जलाएं. यहां शाम को दीपक जलाने से पूर्वजों की कृपा मिलती है और जीवन की परेशानियों से रक्षा होती है.
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शुद्ध घी का ही इस्तेमाल करें
बाजार से मिट्टी का दीपक लाएं. उसमें रुई की बाती बनाएं और उसे खाने वाला शुद्ध घी में डुबोएं. ध्यान रखें, पूजा में वही घी इस्तेमाल करें जो आप खुद घर में खाते हैं. नकली घी शुद्ध नहीं होते और भगवान को अशुद्ध चीज अर्पित नहीं करनी चाहिए.