अब फेसलेस प्रक्रिया से हो रही सुनवाई, ऐसे में ड्राफ्टिंग मजबूत होना जरूरी
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टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और इंदौर सीए शाखा ने आयकर अपील विषय पर सेमिनार किया। इसमें ‘आयकर में प्रथम अपील की तैयारी, स्टे ऑफ डिमांड और पेनल्टी होल्ड’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। यह बताया अब आयकर की प्रथम अपील की प्रक्रिया पूरी तरह फेसलेस हो गई है। अपील में सफलता पाने के लिए ड्रॉफ्टिंग स्किल्स का अच्छा होना जरूरी है।
सीए मनीष डफरिया ने बताया स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट, ग्राउंड्स ऑफ अपील और सुनवाई के समय उचित सबमिशन से अपील में सफलता की संभावना बढ़ती है। अब मौखिक रूप से केस समझाने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए खराब ड्रॉफ्टिंग से अच्छा केस भी विफल हो सकता है। कर निर्धारण आदेश के खिलाफ अपील तकनीकी और मेरिट दोनों आधारों पर की जानी चाहिए।
देश में 71 हजार केस आयकर ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में लंबित
सीए पीडी नागर ने कर निर्धारण आदेश की डिमांड पर स्टे से जुड़े न्यायिक निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा था कि देश में 71 हजार केस आयकर ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। 6 लाख से ज्यादा केस कमिश्नर अपील स्तर पर पेंडिंग हैं। इनमें 11.80 लाख करोड़ की डिमांड लंबित है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार 43 लाख करोड़ की टैक्स डिमांड पेंडिंग है, जिसमें से 29 लाख करोड़ की डिमांड डाउटफुल है। ऐसे में कमिश्नर स्तर पर अपील की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कहा डिमांड की 20% राशि चालान से जमा करने पर स्टे मिल जाता है।
टीपीए प्रेसीडेंट सीए जेपी सराफ ने कहा आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार अपील का मतलब है करदाता को लगे उस पर गलत या अनुचित कर लगाया गया है, तो वह याचिका दायर कर सकता है।
मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा अपील दायर करने से पहले असेसिंग अफसर के आदेश ध्यान से पढ़ें। अपील में आदेश के सभी बिंदु कवर हो गए, यह सुनिश्चित करना चाहिए। सेमिनार में बड़ी संख्या में सीए मिलिंद वाधवानी, प्रमोद गर्ग, अजय सामरिया, दीपक माहेश्वरी, अभिषेक गांग, नीलेंदु दवे, केके चतुर्वेदी, जीबी अग्रवाल, नीलेश माहेश्वरी मौजूद रहे।