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अब भारत में बनेंगे फाल्कन 2000 बिजनेस जेट: अनिल अंबानी की फ्रेंच कंपनी के साथ पार्टनरशिप, पहली बार फ्रांस के बाहर बनाया जाएगा


नई दिल्ली16 मिनट पहले

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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर (बाएं) नागपुर में धीरूभाई अंबानी एयरोस्पेस पार्क के शिलान्यास के समय।

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने भारत में फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाने के लिए फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ डील साइन की है। ये पहली बार होगा जब डसॉल्ट अपने फाल्कन जेट्स फ्रांस के बाहर बनाएगा। पैरिस एयरशो में इस डील का ऐलान किया गया है।

रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सब्सिडियरी कंपनी है। डसॉल्ट रिलायंस एरोस्पेस लिमिटेड 2017 में रिलायंस और डसॉल्ट के जॉइंट वेंचर में शुरू हुआ था। इस नई पार्टनरशिप में DRAL को फाल्कन 2000 की प्रमुख प्रोडक्शन प्रोसेस ट्रांसफर की जाएगी।

फाल्कन 9 जेट का प्रोडक्शन महाराष्ट्र में होगा

जेट का प्रोडक्शन महाराष्ट्र के नागपुर में रिलायंस के डसॉल्ट रिलायंस एरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) प्लांट में होगा। ये वही फैसिलिटी है, जो 2019 से फाल्कन 2000 के कुछ पार्ट्स बना रही है। अब पूरा जेट यहीं बनेगा। ये भारत के मेक इन इंडिया मिशन के लिए बड़ा कदम है। पहले जेट की डिलीवरी 2028 में होगी।

डील से 3 बड़े फायदे होंगे:

  • जॉब्स और ग्रोथ: इस प्रोजेक्ट से हजारों नौकरियां पैदा होंगी, खासकर महाराष्ट्र में। साथ ही, इंडियन सप्लायर्स और SME (छोटे-मझोले बिजनेस) को भी बूस्ट मिलेगा।
  • मेक इन इंडिया: ये डील भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को सपोर्ट करती है। रिलायंस का दावा है कि जेट्स में 50% से ज्यादा इंडियन कंपोनेंट्स होंगे।
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: डसॉल्ट भारत में अपनी टेक्नोलॉजी और नॉलेज शेयर करेगा, जिससे इंडियन इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को फायदा होगा।

रिलायंस की एरोस्पेस सेक्टर में पकड़ मजबूत होगी

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की ये चौथी बड़ी ग्लोबल पार्टनरशिप है। इससे पहले:

  • दसॉल्ट एविएशन के साथ राफेल फाइटर जेट्स के लिए काम किया।
  • फ्रांस के थेल्स ग्रुप और जर्मनी के राइनमेटल के साथ डिफेंस इक्विपमेंट बनाए।
  • हाल ही में डील डिफेंस (जर्मनी) के साथ ₹10,000 करोड़ की डील साइन की, जिसमें रत्नागिरी में वुल्कैनो 155mm प्रिसीजन म्यूनिशन्स बनाए जाएंगे।

इस नई डील से रिलायंस की डिफेंस और एरोस्पेस सेक्टर में पकड़ और मजबूत होगी। खबर आने के बाद रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर 5% चढ़कर ₹386.05 पर पहुंच गया है।

डसॉल्ट के CEO बोले- हमारी सप्लाई चेन मजबूत होगी

डसॉल्ट के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने कहा, “भारत में फाल्कन 2000 बनाना हमारी सप्लाई चेन को मजबूत करने का बड़ा कदम है। ये मेक इन इंडिया को सपोर्ट करता है और इंडिया को ग्लोबल एरोस्पेस हब बनाएगा।” डसॉल्ट एविएशन के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। कंपनी पहले से ही भारत में राफेल फाइटर जेट्स की सप्लाई कर रही है, और अब फाल्कन 2000 का प्रोडक्शन उनके लिए स्ट्रैटेजिक मूव है।

रिलायंस के लिए तीन बड़ी चुनौती

  • टाइमलाइन: 2028 तक प्रोडक्शन शुरू करना और डिलीवरी सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। सप्लाई चेन, स्किल्ड वर्कफोर्स, और क्वालिटी कंट्रोल पर बहुत काम करना होगा।
  • कॉम्पिटिशन: ग्लोबल मार्केट में फाल्कन 2000 का मुकाबला गल्फस्ट्रीम और बॉम्बार्डियर जैसे ब्रांड्स से होगा। भारत में बनने से कॉस्ट कम होगी, लेकिन क्वालिटी को मेंटेन करना जरूरी है।
  • पॉलिटिकल रिस्क: रिलायंस और डसॉल्ट की पहले राफेल डील को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी हुई थी। इस डील पर भी कुछ लोग सवाल उठा सकते हैं।

फाल्कन 2000 जेट क्या है?

ये एक हाई-एंड बिजनेस जेट है, जो डसॉल्ट एविएशन बनाती है। ये जेट अपनी लग्जरी, स्पीड, और लंबी रेंज के लिए मशहूर है। ये करीब 6,000 किलोमीटर तक नॉन-स्टॉप उड़ सकता है। इसका यूज बड़े बिजनेसमैन, सेलेब्स और कुछ देशों की मिलिट्री करती है। इसकी कीमत करीब 35 करोड़ रुपए हैं।

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